कोरबा। एसईसीएल की गेवरा परियोजना में कार्यरत रुंगटा कंपनी के जीएम वी.पी. सिंह की कार्यशैली और मजदूरों का शोषण के विरूद सभी वाजिब मांगों को पूरा करने आश्वासन दिया गया, परंतु तय दिनांक तक कोई भी मांग पूरी नहीं की गई। रुंगटा कंपनी के जीएम वीपी सिंह की कार्यशैली से भी रोष है। इसके विरुद्ध मंगलवार को गेवरा खदान में पूर्व घोषणा अनुसार खदान बन्दी आंदोलन किया गया जो दोपहर 2:30 स्थगित किय्या गया। सिंह ने 15 दिवस के भीतर रूंगटा के उच्च अधिकारियों से वार्ता कराने का लिखित आश्वासन दिया है जिसके बाद आज का आंदोलन खत्म किया गया।
वीपी सिंह पर पूर्व में आरोप लगा कि उसके द्वारा पेटी में दिए ठेकेदार द्वारा उत्तम एजेन्सी के माध्यम से कुछ लोगों को नगद में भुगतान किया गया, जिसमें कोल इंडिया के नियमों का पालन भी नहीं किया गया। बिना एचपीसी दर के भुगतान किया गया जिसका वीडियो भी उपलब्ध है, जो नियम विरुद्ध है। ऐसे ही वी.पी. सिंह ने बिना एसईसीएल से अनुमति लिए बालाजी व एसएसई कंपनी को पेटी में काम दिए है, जो मजदूरों को निर्धारित वेतनमान नहीं देते, जिसके संबंध में एसईसीएल के अधिकारियों सेकाफी आपत्ति जताई, परंतु यह सब गेवरा एसईसीएल के अधिकारियों के मिलीभगत से हो रहा है।
5 दिवस के भीतर मांग पूरी न होने पर दीपका तहसीलदार अमित केरकेटा के द्वारा मजदरों को आश्वासन दिया था कि जिला प्रशासन की तरफ से रुंगटा कंपनी को एसईसीएल में ब्लैक लिस्ट करवाएंगे। चूंकि उक्त सभी बातों से यह प्रतीत होता है कि रुंगटा कंपनी के जीएम वीपी सिंह द्वारा मजदूरों को गुमराह कर धोखे में रखते हुए छल किया गया, जिससे सभी मजदूर काफ़ी आक्रोशित हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को अक्टूबर को गेवरा खदान बंद करते हुए गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर आंदोलन किया गया। इस दौरान मजदूरों समेत छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारी उपस्थित रहे।आंदोलन के दौरान प्रबंधन और रूंगटा के अधिकारियों के साथ आंदोलन कारियों की बैठक में लिए गए निर्णय और आश्वासन के बाद घेराव खत्म किया गया।