दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से दुनियाभर में हलचल मच गई है। भारत में भी कई लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि ट्रंप की वापसी से भारत-अमेरिका संबंधों पर क्या असर होगा।
डोनाल्ड ट्रंप की जीत भारत के लिए कई नई संभावनाओं के दरवाजे खोल सकती है। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अपनी राय रखते हुए इसे भारत के लिए एक सुनहरा अवसर बताया है। जयशंकर के अनुसार, ट्रंप की वापसी से दोनों देशों के व्यापार और कूटनीति में मजबूती आएगी, जिससे भारत को कई तरह के फायदे मिल सकते हैं।
ट्रंप की जीत से भारत को फायदा
सिडनी में अपने दौरे के दौरान विदेशी व्यापार और निवेश से जुड़े दिग्गजों से मुलाकात करते हुए जयशंकर ने कहा कि ट्रंप की जीत के साथ ही वैश्विक सप्लाई चेन में बदलाव देखने को मिलेगा। यह बदलाव भारत के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में मैन्युफैक्चरिंग में पिछड़ जाने के बाद भारत को अब सप्लाई चेन के रीऑर्डरिंग का लाभ उठाने का मौका मिला है। कई बड़ी कंपनियां, जैसे एप्पल, पहले से ही भारत में अपना विस्तार कर रही हैं, जिससे भविष्य में भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और भी मजबूत हो सकता है।
ग्लोबल वर्क कल्चर में सुधार की उम्मीद
एस जयशंकर ने यह भी बताया कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका वैश्विक वर्क कल्चर को एक नई दिशा दे सकता है। यह एकीकृत और खुले वातावरण की ओर बढ़ने का संकेत देता है। भारत के लिए यह एक सकारात्मक पहलू है, क्योंकि इससे वर्कफोर्स का विकास और रोजगार के नए अवसर खुल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में कुशल अप्रवासियों के लिए अधिक अवसर होंगे, जिससे भारतीय
प्रतिभाओं को वहां जाने और काम करने का मौका मिलेगा।
भारत-अमेरिका व्यापार में बढ़ोतरी की संभावना
जयशंकर ने बताया कि ट्रंप की जीत से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में और बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है, और अब ट्रंप के नेतृत्व में इसमें और भी मजबूती आ सकती है। अमेरिका और भारत के बीच बढ़ता व्यापारिक सहयोग दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचा सकता है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के कल आए नतीजों में डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी जीत हासिल की है। व्हाइट हाउस की रेस में ट्रंप ने डेमोक्रेट कैंडिडेट कमला हैरिस को करारी शिकस्त दी।