दिल्ली: क्या आप एलपीजी (Liquefied Petroleum Gas) कनेक्शन पैसों की तंगी की वजह से नहीं ले पा रहे हैं और BPL (Below Poverty Line) में आते हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है. साल 2021 के आम बजट में केंद्र सरकार ने एक करोड़ और लोगों तक उज्जवला योजना (Ujjwala Yojana) का फायदा पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.
गैस कनेक्शन लेने की प्रक्रिया
उज्जवला योजना का लाभ BPL परिवार की कोई भी महिला ले सकती है. इसके लिए अपने घर की नजदीकी एलपीजी गैस एजेंसी में केवाईसी (KYC) फार्म भरकर जमा करना होता है. इसके अलावा उज्ज्वला योजना का फॉर्म प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की वेबसाइट से डाउनलोड करने के बाद उसे पूरा भरकर गैस एजेंसी में दिया जा सकता है.
कनेक्शन लेते समय आवेदक को लिखित जानकारी देनी होती है कि आपको कौन सा सिलेंडर लेना है. घरेलू गैस के लिए 2 तरह के सिलेंडर आते हैं. पहला 14.2 और दूसरा 5 किलोग्राम का. आपको गैस एजेंसी को अपने गैस सिलेंडर का विकल्प बताना होता है. योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को बीपीएल कार्ड. राशन कार्ड (Aadhaar Card), आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट जैसे कागजात की कॉपी लगानी होती है. पासपोर्ट साइज का एक फोटो भी गैस एजेंसी को देना होता है. इसके बाद आपको उज्ज्वला योजना का कनेक्शन मिल जायेगा.
और भी हैं फायदे
BPL परिवारों को उज्जवला योजना के तहत 1600 रुपये प्रति कनेक्शन की मदद दी जाती है. इसके अलावा चूल्हा खरीदने और पहली बार सिलेंडर भरवाने में आने वाले खर्च को किस्त में चुकाने की सुविधा भी दी जाती है. यही कारण है कि साल दर साल इस योजना का बजट सरकार बढ़ा रही है जिससे ज्यादा से ज्यादा गरीब लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके.
उज्जवला योजना के आंकड़े
उज्जवला योजना का फायदा देश के कई गरीब परिवारों को मिल चुका है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 5 करोड़ से ज्यादा परिवार उज्जवला योजना के तहत लाभान्वित हो चुके हैं. 2021-22 में सरकार ने इसका लाभ 8 करोड़ परिवारों तक पहुंचाने का रखा है. इस स्कीम की शुरूआत 1 मई 2016 को यूपी के बलिया में की गई थी.
उज्जवला योजना का मूल उद्देश्य क्या है
ग्रामीण इलाके में खाना पकाने के लिए परंपरागत रूप से लकड़ी और गोबर के उपले के साथ घास-पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. इससे निकलने वाले धुएं का खराब असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (उज्ज्वला योजना ) से ऐसी महिलाओं को राहत मिलती है. साथ ही इससे ग्रामीण इलाके को स्वच्छ रखने में भी मदद मिलती है. आंकड़ों के मुताबिक अब तक जितने भी कनेक्शन उज्जवला योजना के तहत दिए गए हैं उनमें सबसे ज्यादा कनेक्शन ग्रामीण इलाकों में लिए गए हैं.