कोरबा । जिले के ठेकेदार जल जीवन मिशन (हर घर जल) योजना के तहत किए गए कार्यों के भुगतान से वंचित रह गए हैं, जबकि अन्य जिलों में राशि जारी कर दी गई है। मिशन संचालक कार्यालय द्वारा 2024-25 के बजट से संबंधित आदेश में बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, कोण्डागांव, नारायणपुर और कोंटा जिलों के लिए कुल ₹17047.57 लाख की राशि स्वीकृत की गई, लेकिन कोरबा का नाम सूची से गायब रहा।



कोरबा के विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाही के कारण ठेकेदारों को बीते 6 महीनों से भुगतान नहीं मिला है। जबकि अन्य जिलों को आवंटित धनराशि से ठेकेदारों को राहत मिली है, कोरबा के ठेकेदार अब भी अपनी बकाया राशि के इंतजार में हैं।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्य कर चुके कोरबा के ठेकेदारों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि वे पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, और अब भुगतान में देरी से उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।
उठ रहे सवाल ?
अब यह सवाल उठता है कि आखिर कोरबा को ही इस फंडिंग से क्यों वंचित रखा गया? क्या यह प्रशासनिक लापरवाही है, या फिर कोई अन्य वजह? ठेकेदारों ने सरकार और संबंधित विभागों से जल्द से जल्द समाधान की मांग की है ताकि उन्हें उनका बकाया भुगतान मिल सके।
कार्यों में अनियमितता की शिकायत तो वजह नहीं !
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो
आकांक्षी जिला कोरबा (अब सिर्फ पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक ही शेष रह गया) में फर्मों का
जल जीवन मिशन के सिंगल विलेज योजना में कवरेज मद अंतर्गत राज्यांश रोके जाने के पीछे की
बड़ी वजह यहाँ सिंगल
विलेज योजना के प्रगतिरत कार्यों को लेकर शासन स्तर पर की गई शिकायतें मानी जा रही हैं ।यहाँ प्रगतिरत कार्यों में खामियों को लेकर पूर्व में लिखित शिकायत कर फर्मों के कार्यों की जांच तक भुगतान रोके जाने की भी मांग की जा चुकी है। जिसमें मिशन संचालक ने जांच के भी आदेश दिए थे लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों ने फर्मों से मिलीभगत कर बिना बिंदुवार जांच किए बिना फर्मों को क्लीनचिट दे दी। जिसकी शिकायत प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री तक पहुंच गई है। जिसमें जांच के आदेश तक दिए गए हैं।