CG : CMHO ने किया बड़ा खेला, कमीशन नहीं देने पर जिस कंपनी ने आक्सीजन प्लांट लगाया उसको भुगतान करने के बजाय दूसरे फर्म को कर दिया 83 लाख का भुगतान ,CMHO समेत 5 के खिलाफ FIR दर्ज ….

सूरजपुर। जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के नाम पर 83 लाख रुपए का घपला किया गया है। कमीशन नहीं देने पर CMHO ने जिस कंपनी ने प्लांट लगाया उसको भुगतान करने के बजाय दूसरे फर्म को कर दिया।इस मामले में तत्कालीन CMHO समेत तीन कर्मचारी और भुगतान प्राप्त करने वाले फर्म के संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का केस दर्ज किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार रायपुर में संचालित फर्म यूनिक इंडिया कंपनी के संचालक जयंत चौधरी ने सरगुजा आईजी से शिकायत की थी कि CMHO सूरजपुर ने GEM पोर्टल पर MGPS संयंत्र स्थापित करने के लिए ऑनलाइन टेंडर निकाला था। यूनिक इंडिया कंपनी नाम के फर्म को 13 सितंबर 2021 को 83,21,000 रुपए में संयंत्र लगाने का टेंडर मिला और कांट्रेक्ट के बाद कार्यादेश जारी किया गया।
शिकायत कर्ता जयंत चौधरी ने बताया कि उन्होंने संयंत्र स्थापना का काम पूरा कर दिया, लेकिन भुगतान के लिए CMHO और लेखापाल उन्हें घुमाते रहे। जब सूरजपुर CMHO के पद पर डॉ. कपिल देव पैकरा की नियुक्ति हुई तो उनसे भुगतान के लिए उनसे संपर्क किया।
तब पता चला कि कांट्रेक्ट की पूरी राशि का भुगतान आवेदक के फर्म को कर दिया गया है।
जयंत चौधरी ने भुगतान की जानकारी ली तो पता चला कि कांट्रेक्ट की राशि 83,21,000 रुपए दंतेवाड़ा के ​​​​​​​यूनिक इंडिया कंपनी को कर दिया गया है, जो आशीष कुमार बोरा के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस फर्म को 5 जनवरी 2022 को 50 लाख रुपए और 31 जनवरी 2022 को 31 लाख 85 हजार 881 रुपए समेत कुल 81 लाख 85 हजार 881 रुपए का भुगतान किया गया है।
इस मामले में यूनिक इंडिया कंपनी रायपुर के संचालक जयंत चौधरी ने सूरजपुर के तत्कालीन CMHO डॉ. रनसाय सिंह, आशीष कुमार बोरा, संचालक यूनिक इंडिया कंपनी दंतेवाड़ा, सेवानिवृत्त लेखापाल विजय सिन्हा, जेम्स कुमार बेक सहायक ग्रेड 2, सकिरन दास फार्मासिस्ट के खिलाफ फर्जी तरीके से दूसरी फर्म को भुगतान करने की शिकायत सूरजपुर एसपी और सरगुजा आईजी से की थी। जांच के बाद सूरजपुर पुलिस ने तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. रन साय सिंह समेत पांच के खिलाफ धारा के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
शिकायत कर्ता जयंत चौधरी के अनुसार सूरजपुर CMHO के पद पर डॉ. रनसाय सिंह के स्थान पर डॉ. कपिल देव पैकरा की नियुक्ति हुई तो उन्होंने भुगतान की जानकारी मांगी। डॉ. कपिल देव पैकरा ने बताया कि भुगतान दूसरी कंपनी को हो गया है। उन्होंने सही फर्म को भुगतान कराने का आश्वासन दिया था लेकिन भुगतान नहीं हो सका।
जिस फर्म को संयत्र की स्थापना का भुगतान किया गया है, वह काम की पूर्णता अवधि तक अस्तित्व में नहीं थी। यूनिक इंडिया कंपनी का जीएसटी पंजीयन 08 दिसंबर 2021 को किया गया था, तब तक संयत्र का कार्य पूर्ण हो चुका था। सूरजपुर टीआई ने बताया कि मामले में अपराध दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।