कोलकाता। कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) ने भूमि अधिग्रहण के प्रति ग्रामीणों को आकर्षित करने के लिए अपनी नीति में बड़ा और क्रांतिकारी बदलाव किया है। इस योजना के लागू हो जाने के बाद जमीन देने वालों को अधिक आर्थिक मजबूती मिल सकती है।
पहले दो एकड़ जमीन पर एक नौकरी देने का प्रावधान था। अब नौकरी नहीं लेने पर जमीन देने वालों को उस इलाके की जमीन की सरकारी मूल्य के आधार पर राशि मिलेगी। इसके अलावा, प्रत्येक एकड़ पांच लाख के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। नई नीति में नौकरी नहीं लेने वालों को दो एकड़ जमीन पर न्यूनतम 89 लाख और अधिकतम 1.20 करोड़ रुपये भुगतान का नियम लागू किया गया है।
न्यूनतम और अधिकतम राशि उस इलाके की जमीन की कीमत पर तय होगी। इसके अलावा, दूसरी नीति के तहत जमीन देने वाला यदि एक मुश्त जमीन का पैसा नहीं लेता है और नौकरी भी नहीं लेता है, तो उसे प्रति एकड़ 5 लाख रुपये के साथ पेंशन की राशि को बढ़ाकर 44,000 कर दिया गया है और यह अब 30 वर्ष नहीं, बल्कि 45 साल तक मिलेगी। इसमें हर साल एक प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
इतना ही नहीं, इस कालखंड में अगर जमीन देने वालों की मौत हो जाती है, तो उसके आश्रित को यह पेंशन उतने दिनों तक मिलती रहेगी। कोल इंडिया बोर्ड की बैठक में इसकी मंजूरी मिल गई है। यह नई नीति जमीन देने वालों को आर्थिक मजबूती प्रदान करेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार लाएगी।