CG : आश्रम -छात्रावासों में सामाग्री खरीदी ,निर्माण कार्यों में करोड़ों की सरकारी फंड की हुई जमकर लूट ,मीडिया में हो रही फजीहत पर सरकार सख्त,अपर संचालक का नारायणपुर ,दंतेवाड़ा ,बीजापुर ,सुकमा समेत सरगुजा जिले में कलेक्टरों को 3 दिवस में जांच कर प्रतिवेदन भेजने के निर्देश ,बीजापुर,दंतेवाड़ा कलेक्टर पीएम ,सीएम हाउस तक के आदेश को नजरअंदाज कर आरोपी अफसरों को देते आ रहे संरक्षण …..

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज रायपुर । कार्याकय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा प्रदेश के 5 जिलों नारायणपुर ,दंतेवाड़ा ,बीजापुर ,सुकमा एवं सरगुजा में जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफटी ),सामाग्री आपूर्ति मद ,संविधान के अनुच्छेद 275 (1) केंद्रीय मदान्तर्गत समेत अन्य मदों से प्राप्त फंड में क्रय (खरीदे ) सामाग्री ,मरम्मत तथा निर्माण कार्यों में अनियमितता को लेकर मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित खबरों को लेकर शासन की हो रही फजीहत से चिंतित
अपर संचालक आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास नवा रायपुर अटल नगर ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर अनियमितता के संबंध में 3 दिवस के भीतर जांच कर प्रतिवेदन मांगा है।

अपर संचालक आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास नवा रायपुर अटल नगर द्वारा कलेक्टरों को जारी पत्र में छ.ग. शासन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन ,नवा रायपुर अटल नगर का पत्र क्र.एफ 3 -16 /2025/25-1नवा रायपुर अटल नगर का दिनांक 18.07.2025 को जारी पत्र का संदर्भ दिया गया है। जिसमें कार्याकय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा प्रदेश के 5 जिलों नारायणपुर ,दंतेवाड़ा ,बीजापुर ,सुकमा एवं सरगुजा में जिले के छात्रावास /आश्रमों में सामाग्री क्रय ,मरम्मत एवं निर्माण कार्य में अनियमितता संबंधी मीडिया में प्रकाशित शिकायत के संदर्भ में शासन द्वारा जांच प्रतिवेदन चाहे जाने का उल्लेख है।

लिहाजा 3 दिवस के भीतर शिकायत की जांच कर प्रतिवेदन मांगा गया है। बहरहाल अपर संचालक के इस पत्र से संबंधित जिलों में हड़कम्प मचा हुआ है। लेकिन साथ ही इसकी बात की भी चर्चा आम हो रही है कि कहीं बीजापुर एवं दंतेवाड़ा जिले की तर्ज पर हमेशा की तरह इस बार भी शिकायतों की जांच में औपचारिकता का निर्वहन न कर दिया जाए।

दंतेवाड़ा के प्रकरण में PMO ,CMO के आदेश के बावजूद आदेश निकाल जांच अधूरी ,निभाई गई औपचारिकता,कलेक्टर जांच अधिकारी की नीयत ,कार्यशैली पर उठे सवाल !पुनः शिकायत की तैयारी 👇

गौरतलब हो कि प्रमुख सचिव महोदय ,कार्यालय आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग ,छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के यहां पत्र क्रमांक 6974 दिनांक 18 /03 /2025 के माध्यम से लिखित शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसमें
कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ,जिला दक्षिण बस्तर -दंतेवाड़ा द्वारा आदिम जाति विकास तथा अनुसूचित जाति विकास छत्तीसगढ़ शासन रायपुर से विभागीय आश्रम छात्रावासों में सामग्री पूर्ति मदान्तर्गत वर्ष 2024 -25 के प्राप्त आबंटन 54 लाख 45 हजार की राशि का क्रय प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर बिना सामाग्री क्रय किए कोषालय से कूटरचित ,प्रशासकीय स्वीकृति आदेश ,नोटशीट ,देयक व्हाउचर प्रस्तुत कर आहरण कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाए जाने के मामले में व्यापक लोकहित में विभागीय जांच संस्थित कर जिम्मेदारों का चिन्हांकन करते हुए आवश्यक कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया गया था।

प्रकरण में तय मियाद में कार्रवाई नहीं होने पर शिकायतकर्ता आवेदक द्वारा कार्यालय प्रधानमंत्री भारत सरकार ,साउथ ब्लॉक ,रायसीना हिल नई दिल्ली को पत्र क्रमांक 6704 दिनांक 16 /04 /2025 के माध्यम से शिकायत पत्र प्रस्तुत कर सक्षम अधिकारी प्रमुख सचिव महोदय ,कार्यालय आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्रालय महानदी भवन,नवा रायपुर (छग) के द्वारा दस्तावेजी शिकायत के बावजूद महज जांच आदेश निकाल ,औपचारिकता पूर्ण कर संरक्षण प्रदान किए जाने के मामले में छत्तीसगढ़ शासन को आवश्यक कार्रवाई करने निर्देशित करने की गुहार लगाई गई गई थी। जहां से दिनांक 29 /04 /2025 को छत्तीसगढ़ शासन के संबंधित विभाग को जांच आदेश दिए चुके हैं।

इस बीच कार्यालय अवर सचिव आदिम जाति विकास विभाग ,नवा रायपुर ,अटल नगर के
पत्र क्रमांक 1114 /685 /2025 /25 -1 दिनांक 03 -04 -2025 के माध्यम से कलेक्टर जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा को प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई किए जाने प्रेषित पत्र के परिपालन में कलेक्टर के निर्देशानुसार कार्यालय कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (रा०),जिला -दक्षिण बस्तर -दंतेवाड़ा (छग)। द्वारा पत्र क्रमांक 615 दिनांक 05 /06/2025 के माध्यम से तत्कालीन सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त कल्याण सिंह मसराम को नोटिस जारी कर दिनांक 13 /06/2025 को प्रातः 11 बजे आवश्यक दस्तावेज सहित लिखित जवाब के साथ अधोहस्ताक्षरकर्ता के यहाँ उपस्थित होने का लेख किया गया है। जिसकी प्रतिलिपि आवेदक को भी दी गई है। जिसमें 650 किमी की दूरी तय कर आवेदक ने लिखित बयान दर्ज कराते हुए प्रकरण में कलेक्टर नोटशीट नहीं चलने, प्रशासकीय स्वीकृति नहीं होने ,फर्जी देयक व्हाउचर ,बिना निविदा बीड के सामाग्री क्रय कर तत्कालीन कोषालय अधिकारी की मिलीभगत से फंड का बंदरबाट किए जाने का नियत दिनांक समयावधि में जांच अधिकारी डिप्टी कलेक्टर विमल चोपड़ा के समक्ष बयान दर्ज कराया था। लेकिन प्रकरण के आरोपी सेवानिवृत्त तत्कालीन सहायक आयुक्त जांच में पहुंचे ही नहीं,यही नहीं कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के यहाँ से भी कोई भी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित नहीं हुए। केवल बयान के समर्थन में एक पत्र भेजकर औपचारिकता पूरी कर ली।

प्रकरण में जांचकर्ता अधिकारी द्वारा आज पर्यंत शिकायतकर्ता को प्रतिवेदन नहीं भेजा गया जिससे प्रकरण में आरोपी तत्कालीन सहायक आयुक्त को संरक्षण देने की संभावनाओं को बल दे रहा। गौरतलब हो कि सम्बंधित आरोपी अधिकारी के बीजापुर सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थापना के दौरान जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) से वित्तीय वर्ष 2021 -22 एवं 2022 -23 में विभिन्न 13 स्तर के कार्यों के लिए प्राप्त आबंटन 10 करोड़ 40 लाख रुपए एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1 )मदान्तर्गत आश्रम छात्रावास निर्माण एवं खेल सामाग्री के लिए 8 करोड़ रुपए से अधिक की शासकीय धनराशि इनके कार्यकाल में व्यय की गई थी। उपरोक्त तीनों मदों की करीब 19 करोड़ की राशि के बंदरबाट की भी शिकायत कमिश्नर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक हुई थी। जिसमें कार्यालय मुख्यमंत्री निवास के ओएसडी डॉ सुभाष सिंह राज ने सचिव (भारसाधक ) छत्तीसगढ़ शासन आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति ,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग मंत्रालय ,रायपुर को दिनांक 01 /01/2025 को आवेदन पर नियमानुसार कार्रवाई निमित्त पत्र व्यवहार किया था। जिसकी अनदेखी कर दी गई। 3 अप्रैल 2025 को अवर सचिव सरोजनी टोप्पो आदिम जाति विकास विभाग ने 13 अप्रैल 2025 को कलेक्टर जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा को पत्र व्यवहार कर प्रकरणों की जांच कर एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन अभिमत समेत मांगा गया था। जिसकी भी अनदेखी कर दी गई। लिहाजा अब कलेक्टर कार्यालय दंतेवाड़ा से इस बार निष्पक्ष और त्वरित जांच की कितनी उम्मीद की जाए यह भी विचारणीय पहलू होगी।