कोरबा/रायगढ़। कोरबा जिला जेल में कुछ मिनट के लिए बिजली गुल होने का फायदा उठाकर सुनियोजित तरीके से चार बंदी लगभग 25 फीट ऊंची दीवार को फांद कर फरार हो गए। इस वारदात के 72 घंटे के भीतर दो आरोपियों को गिरफ्त में ले लिया गया है। रायगढ़ जिले के पूंजीपथरा थाना क्षेत्र से उनकी बरामदगी हुई है, जबकि जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड व एक अन्य अभी भी फरार हैं।मास्टरमाइंड रायगढ़ जिले का रहने वाला है।इस प्रकरण में प्रदेश के जेल महानिदेशक हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर सहायक जेल अधीक्षक विजयानंद सिंह एवं जेल प्रहरी विक्रम सिंह, ईश्वर केंवट व राजेश कुर्रे को कर्तव्य में लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया गया है। विजयानंद सिंह को बिलासपुर अटैच किया गया है।

गौरतलब है कि 2 अगस्त 2025 को दोपहर लगभग 3 से 4 बजे के मध्य जिला जेल में निरुद्ध विचाराधीन बंदी बलात्कार व पॉक्सो एक्ट के आरोपी राजा कंवर,सरना सिंकू, दशरथ सिदार व चंद्रशेखर राठिया जेल की ऊंची दीवार पर किसी वस्तु की रस्सी बनाकर उसके सहारे फरार हो गए। इनके फरार होते ही हड़कम्प मच गया और जिले की पुलिस अलर्ट हुई।चौतरफा नाकाबंदी करने के साथ-साथ पड़ोसी जिलों में भी उनकी तस्वीर भेज कर सूचना प्रसारित की गई। 72 घंटे के दरम्यान दो आरोपियों राजा कंवर व सरना सिंकू को पकड़ने में रायगढ़ जिले के पूंजीपथरा पुलिस को बड़ी सफलता मिली। इनके गिरफ्तार होते ही सूचना कोरबा पुलिस को दी गई और कोरबा पुलिस ने इन्हें रायगढ़ जाकर अपने कब्जे में लिया। कोरबा लाया जाकर न्यायालय में पेश करते हुए फरारी के अपराध में जिला जेल में निरुद्ध करा दिया गया है।
दशरथ सिदार जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड👇

सूत्रों के मुताबिक यह चारों बंदी जिला जेल से भागने की योजना काफी दिनों से बना रहे थे। दशरथ सिदार जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड है। उसने ही इन तीनों को जेल से भागने के लिए तैयार किया और योजना बनाई। बताया गया कि यह चारों आरोपी पहले से एक- दूसरे को नहीं जानते थे बल्कि जेल में ही इनकी पहचान हुई और पहचान बढ़ाने के साथ योजनाबद्ध तरीके से जेल ब्रेक को अंजाम दिया। जेल से भागने के बाद यह चारों जेल के पास बाहरी जंगल से भटकते होते हुए करतला, रामपुर, ऐड़ू, छाल होकर रायगढ़ जिला पहुंचे। इनके रायगढ़ जिले के तरफ जाने की संभावना पर भी पुलिस अलर्ट थी। सूत्रों ने बताया कि इन्होंने थोड़ा बहुत हुलिया बदल लिया था ताकि पहचान में ना आ सकें। पूंजीपथरा क्षेत्र में जंगल के निकट इन्होंने रात बिताई और सुबह काम की तलाश में शहर के आसपास आए हुए थे। चूंकि उनकी तस्वीरें सभी तरफ वायरल कर दी गई थी इसलिए पुलिस के मुखबिर की नजर से बच नहीं पाए और आखिरकार उनकी पहचान फरार बंदियों के रूप में कर ली गई। मुखबिर से सूचना मिलते ही अलर्ट पुलिस ने इन्हें पूंजीपथरा में छिपे हुए स्थान से धर दबोचा। फरार दशरथ सिदार व चंद्रशेखर राठिया के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
बताते चलें कि कोरबा जिला पुलिस ने फरार बंदियों की गिरफ्तारी में सहयोग पर 10 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया है। इस कार्य में रायगढ़ जिले की पुलिस ने काफी मदद की और दो आरोपियों को काफी सतर्कतापूर्वक कार्य करते हुए धर दबोचा। कोरबा पुलिस का दावा है कि शेष आरोपी भी जल्दी दबोच लिए जाएंगे।