जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यूरोप में शराब के बढ़ते और घातक प्रभावों को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। संगठन के अनुसार यूरोप क्षेत्र में हर साल लगभग 8 लाख लोगों की मौत शराब के सेवन से जुड़ी बीमारियों और दुर्घटनाओं के कारण हो रही है।
👉हादसों का मुख्य कारण
2019 डेटा को आधार बना डब्ल्यूएचओ ने ये भयावह सच उजागर किया है। इसके मुताबिक यूरोप में लगभग 145000 लोगों की मौत शराब पीकर लगी चोट की वजह से हुई। संगठन के अनुसार शराब पीना आपसी हिंसा से भी जुड़ा हुआ है, जिसमें हमले और घरेलू हिंसा शामिल हैं, और इसे पूरे यूरोप में हिंसक चोटों से होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण माना गया है।
👉सेहत पर पड़ता है बुरा प्रभाव

डब्ल्यूएचओ की यूरोप में अल्कोहल, गैर-कानूनी ड्रग्स और जेल हेल्थ की रीजनल एडवाइजर कैरिना फरेरा-बोर्गेस ने बताया कि शराब से 7 तरह के कैंसर और दूसरी नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियां (NCD) पैदा करती है बल्कि यह फैसले लेने और खुद पर कंट्रोल करने की क्षमता को भी कम करती है। रिएक्शन टाइम को धीमा करने के साथ-साथ तालमेल कम करती है और रिस्क लेने की आदत को बढ़ावा देती है।
शराब से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में ‘हृदय रोग, लिवर सिरोसिस, विभिन्न प्रकार के कैंसर (जैसे स्तन और आंत का कैंसर), सड़क दुर्घटनाएं, हिंसा और आत्महत्या’ शामिल हैं। शराब का दुरुपयोग और कामकाजी उम्र के लोगों में समय से पहले मौत का बड़ा कारण शराब है। जिसकी वजह से देश की उत्पादकता और स्वास्थ्य प्रणालियों पर ज्यादा बोझ पड़ता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शराब का प्रभाव केवल पीने वाले व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता। परिवारों में घरेलू हिंसा, बच्चों पर नकारात्मक असर, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, और सामाजिक अस्थिरता जैसे मुद्दे भी इससे गहराई से जुड़े हैं। इसके अलावा शराब से जुड़ी बीमारियों के इलाज पर होने वाला खर्च सरकार के लिए एक बड़ी आर्थिक चुनौती है।
👉हिंसा और अपराध में शराब की भूमिका
2019 में यूरोप में करीब 26500 मौतों की वजह एक दूसरे पर हमला करना रहा और इनमें से 40 फीसदी हिंसा की वजह शराब रही। संगठन ने यूरोपीय देशों से शराब नियंत्रण को लेकर सख्त नीतियां अपनाने की अपील की है। प्रभावी कदमों में शराब पर कर बढ़ाना, विज्ञापन और प्रयोजन पर रोक, बिक्री के समय और स्थान को सीमित करना तथा लेबल पर स्वास्थ्य संबंधी स्पष्ट चेतावनियां शामिल हैं।
