बीपी शुगर की मरीज को आया हार्ट अटैक एम्बुलेंस के लिए भटकते रहे परिजन ,3 दिन से पंचर पड़ा मिला एम्बुलेंस ,अधिकारियों ने नहीं दिखाई ततपरता
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।कोरोनाकाल में सरकारी तंत्र की लापरवाही एवं लचर स्वास्थ्य सेवाओं ने 43 वर्षीय ललिता के प्राण छीन लिए। मेजर हार्ट अटैक में संजीवनी एक्सप्रेस 108 के पंचर होने व 112 की अनुपलब्धता से ललिता को त्वरित चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल सकी। एसडीएम से संपर्क के बाद बीएमओ को जब तक इसकी सूचना मिली ,ऑन रोड संजीवनी के पहुंचते तक ललिता ने 15 मिनट में ही परिजनों के सामने रास्ते में दम तोड़ दिया।
यह किसी बीहड़ गांव का मामला नहीं हैं। नवगठित पाली अनुविभाग के मुख्यालय की हृदय विदारक दास्तां है ।
नगर पंचायत पाली के वार्ड क्रमांक 2 में निवासरत ललिता बाई 43 वर्ष पिछले कुछ वर्षों से बीपी शुगर की बीमारी से जूझ रही थीं,इनका भोपाल से इलाज चल रहा था। ललिता की पिछले कुछ दिनों से तबियत खराब चल रही थी ,जानकारी के अनुसार लॉक डाउन में भोपाल से आने वाली उनकी दवाई उन्हें नहीं मिल पा रही थी । 6 मई की प्रातः10 बजे ललिता को मेजर हार्ट अटैक आया । परिजनों को इसका अंदाजा नहीं था लेकिन ललिता की गम्भीर हालत को देखकर तत्काल उसके पुत्र ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर संजीवनी 108 की सेवाएं प्रदान की गुजारिश की । लेकिन अस्पताल कैम्पस में संजीवनी 108 पंचर खड़ा मिला। स्टाफ ने बताया कि पिछले 3 दिनों से संजीवनी पंचर है वहीं ड्राइवर कोरोना संक्रमित भी है ।लगातार बिगड़ते हालत को देख परिजनों ने डायल 112 में कॉल कर चिकित्सा सुविधा लेना चाहा ,लेकिन संकट में डायल 112 भी काम नहीं आई । वो भी बाहर था । परिजनों के मुताबिक इस दौरान उन्होंने कई मर्तबा बीएमओ सी एल रात्रे को कॉल किया । लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की । नगर पंचायत अध्यक्ष उमेश चन्द्र का भी बीएमओ ने कॉल रिसीव नहीं किया। अंत में जब एसडीएम के माध्यम से बीएमओ को कॉल किया गया तब उन्होंने फोन रिसीव किया। तब उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। बीएमओ ने फौरन अन्य कोरबा रूट के संजीवनी को बुलाया। लेकिन संजीवनी के पहुंचते पहुँचते बहुत देर हो चुकी थी । ललिता महज 15 मिनट में परिजनों को अलविदा कह गई ।संदिग्ध मौत को देखते हुए मृतक की कोरोना जाँच की गई । जहां रिपोर्ट नेगेटिव पाया गया । ततपश्चात महिला के शव को परिजन को सौंप दिया। इस घटना के बाद परिजन जहाँ सिस्टम जो कोस रहे हैं वहीं चौबीसों घण्टे आपातकालीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराए जाने के दावे की पोल खुल गई है ।
सरकारी दावों की खुली हवा,सिस्टम में सुधार की जरूरत
कोरोनाकाल में अन्य गम्भीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की उखड़ती प्राणों को संजीवनी एक्सप्रेस 108 एम्बुलेंस,व डायल 112 का लाभ नहीं मिलने का यह कोरोना काल मे पहला मामला सामने आया है। 3 दिन से पंचर पड़े संजीवनी 108 ने स्वास्थ्य महकमे के बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं के दावों की भी हवा निकाल दी है। इसकी सुधार के लिए त्वरित सार्थक प्रयास करना होगा ।
वर्जन
सूचना मिलते ही तत्काल भेजा संजीवनी
महिला पूर्व से बीपी एवं शुगर की बीमारी से ग्रसित थीं। वो भोपाल से दवाई मंगाकर सेवन कर रही थीं। गुरुवार को उन्हें अचानक मेजर अटैक आया। हमें जब सूचना मिली तत्काल दूसरे रूट के एम्बुलेंस को भेजे। तब तक मरीज की मृत्यु हो चुकी थी। 108 की लचर सेवाओं के लिए सम्बंधित कंपनी ही जिम्मेदार होंगे।
सी.एल. रात्रे ,बीएमओ ,पाली