वापसी: चार मिनट के भाषण में लालू का ऑक्सीजन लेवल कम लेकिन पार्टी को दे गए संजीवनी

विस्तार

लंबे अरसे बाद बिहार की राजनीति में लालू की सक्रिय भूमिका का आगाज माना जा रहा है। 41 महीने बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। कोरोना वायरस के बीच राजद अध्यक्ष ने रविवार को अपनी पार्टी के नेताओं के साथ वर्चुअल संवाद किया।

दरअसल बिहार के पड़ोसी राज्य बंगाल के अलावा केरल और तमिलनाडु में हुए हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा की पराजय के बाद विपक्ष का मनोबल ऊंचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में भी भाजपा को जितनी सफलता मिलनी चाहिए थी उतनी नहीं मिलने के कारण विपक्षी दलों का मनोबल सातवें आसमान पर है। एक बार फिर विपक्षी एकता की उम्मीदें जगी हैं।

लालू इसके सूत्रधार बन सकते हैं। बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लालू के खराब स्वास्थ्य और उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने की जानकारी दी। लालू प्रसाद ने दो-तीन मिनट ही पार्टी नेताओं को संबोधित किया। इस दौरान राजद की वर्चुअल बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए सजग रहने की अपील पार्टी नेताओं से किया।

कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार की सियासत में लालू प्रसाद यादव के सक्रिय होने से भाजपा और जदयू दिक्कत में पड़ सकते हैं। वीआईपी के मुकेश साहनी के संबंध भी लालू प्रसाद से काफी अच्छे हैं। भले ही तेजस्वी यादव से उनकी बात न बनी हो लेकिन लालू प्रसाद से आज भी उनकी करीबी मानी जाती है। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बंगाल में भाजपा की हार का फायदा बिहार में लालू प्रसाद उठा सकते हैं। एआईएमआईएम, जीतन राम मांझी की पार्टी हम और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को साथ लाने की लालू कोशिश कर सकते हैं। वीआईपी और हम विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजद के साथ ही थे।