Corona Varient Warning: कोरोना पर रिसर्च कर रहे विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जो लोग टीका नहीं लगवा रहे, दरअसल वही लोग कोरोना के नये-नये वैरिएंट के डेवलप होने की वजह हैं। वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर की रिसर्च के मुताबिक वैक्सीन नहीं लगवानेवाले लोग दरअसल ‘वेरिएंट की फैक्ट्री’ की तरह हैं। ऐसे लोगों की संख्या जितनी अधिक होगी, वायरस के बढ़ने के अवसर उतने ही अधिक होंगे। पिछले महीने WHO ने भी कहा था कि हम वायरस को जितना ज्यादा फैलने देते हैं, वायरस को उतना ही ज्यादा बदलने का मौका मिलता है।
कैसे बनते हैं लोग ‘वैरिएंट की फैक्ट्री’?
विशेषज्ञों का कहना है कि बिना वैक्सीन (Vaccine) लगवाए लोग न सिर्फ अपने आप को जोखिम में डाल रहे हैं बल्कि दूसरों के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं।
इसकी वजह ये है कि ऐसे लोगों के शरीर में कोरोना वायरस म्यूटेट करता है, और नये वैरिएंट के रुप में सामने आता है। इनके संपर्क में आने से वायरस के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। कोरोना के पहले से ही चार वैरिएंट हैं, और जब तक नये-नये वैरिएंट आते रहेंगे, इसका खात्मा नहीं हो सकेगा। इसलिए सभी का वैक्सीन लगवाना जरुरी है, ताकि वायरस के बॉडी में प्रवेश करते ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उसे नष्ट कर दे। फिर ना तो नया वैरिएंट बनेगा और ना ही कहीं फैलेगा।
क्या हैं मौजूदा हालात?
लगभग 100 देश पहले ही डेल्टा वेरिएंट की चपेट में आ चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने शुक्रवार को ही आगाह किया है कि दुनिया इस महामारी के ‘बहुत खतरनाक दौर’ में है। ब्रिटेन में डेल्टा वेरिएंट का कहर इसका उदाहरण है, जहां स्थितियां लगभग सामान्य होने के बाद फिर से खराब होने लगी हैं। ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (BMA) ने भी कहा है कि कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोरोना संक्रमण ‘चिंताजनक दर’ के साथ लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में लॉकडाउन हटा दिये गये, तो स्थिति बेहद बिगड़ सकती है।