राखड़ खा रहे लोतलोता को प्रभावित गांवों की सूची में शामिल करने से एनटीपीसी का इंकार ,विरोध प्रदर्शन के बाद शेष मांगों को किया स्वीकार

7 सूत्रीय मांगों को लेकर विधायक के नेतृत्व में प्रभावितों ने धनरास राखड़ डेम से परिवहन कार्य रोका,थम गए वाहनों के पहिये,पहुंचे ईडी ,घण्टों चली हंगामेदार वार्ता के बाद बनी सहमति

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । एनटीपीसी के धनरास राखड़ बांध से प्रदूषण की मार झेल रहे प्रभावित ग्राम पंचायत लोतलोता सहित आश्रित गांवों पुरेनाखार , चारपारा के प्रभावित ग्रामीणों ने शुक्रवार को विधायक पुरषोत्तम कंवर के नेतृत्व में धनरास राखड़ डेम के पास एश डाईक से परिवहन का कार्य रोक दिए। 7 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के आक्रोश के आगे एनटीपीसी के वाहनों के पहिए थम गए। 5 घण्टे तक हंगामेदार प्रदर्शन के बाद प्रबंधन के ईडी ज्योति बासु दफ्तर छोंड़ धरना स्थल पर पहुंचे। क्षेत्रीय विधायक,दर्री तहसीलदार की मौजूदगी में घण्टों चली वार्ता में आखिरकार प्रबंधन ने लोतलोता सहित आश्रित गांवों को केंद्रीय भू अर्जन नीति के दायरे में नहीं आने का हवाला देकर प्रभावित क्षेत्रों में विधिवत शामिल करने पर असहमति जता शेष मांगों को शीघ्र पूरा करने सहमति जता दी। लिखित आश्वासन के बाद देर शाम धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ।

यहाँ बताना होगा कि ग्राम पंचायत लोतलोता सहित आश्रित गांव चारपारा एवं पुरैनाखार,सीएसईबी पश्चिम द्वारा अर्जित ग्राम हैं। लेकिन इन गांवों से एनटीपीसी का धनरास स्थित राखड़ डेम लगा हुआ है। जिससे सामान्य मौसम में उड़ने वाली राखड़ व बरसात में राखड़युक्त प्रवाहित पानी इन गांवों के जन जीवन को प्रभावित करता आ रहा है। उड़ने वाली राखड़ से गरीब ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है वहीं खेतों की उपजाऊ क्षमता भी क्षीण हो रही है। हर साल दर्जनों किसानों के खेत की फसल राखड़ युक्त पानी से चौपट हो जाती है। किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। एनटीपीसी के धनरास एश डाईक के विस्तार के लिए भू- अधिग्रहण में लोतलोता के 22 किसानों की जमीन भी गई है। लेकिन प्रभावितों को नोकरी के एवज में दी जाने वाली राशि भी आज पर्यन्त नहीं मिली है ।भू -विस्थापितों एवं ग्रामीणों को कोरोनाकाल में किसी भी प्रकार की आर्थिक सहयोग एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा नहीं दी गई। इन सब समस्याओं को देखते हुए तीनों आश्रित गांव एनटीपीसी को प्रभावित क्षेत्रों में शामिल करने की गुहार लगाते आ रहे हैं। जिसकी लगातार अनदेखी की जाती रही है। जिससे नाराज प्रभावितों ने तीनों गांवों को एनटीपीसी के प्रभावित क्षेत्रों में शामिल करने की मांग सहित 7 सूत्रीय मांगों को लेकर क्षेत्रीय विधायक पुरषोत्तम कंवर के नेतृत्व में शुक्रवार को राखड़ बांध से परिवहन कार्य रोक विरोध प्रदर्शन किया। प्रातः 8 बजे से ही राखड़ बांध के पास प्रभावित जुटने लगे थे। 11 बजे तक सैकड़ों ग्रामीण जुट गए। और सांसद प्रतिनिधि जीवन यादव सहित स्थानीय नेताओं की मौजूदगी में राखड़ बांध से एनएच व अन्य सड़कों के लिए राखड़ परिवहन कार्य में लगे वाहनों को रोक दिया। दोपहर होते ही विधायक पुरषोत्तम कंवर भी प्रभावित ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए शामिल हो गए। इधर विधायक के पहुंचते ही एनटीपीसी प्रबंधन सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी हरकत में आ गए। दर्री तहसीलदार सोनू अग्रवाल ,डीएसपी रामगोपाल करियारे अमले के साथ मोर्चा संभाले हुए थे। नारेबाजी कर शाम 5 बजे तक परिवहन कार्य रोकने से एनटीपीसी में भी हड़कम्प मच गया। ईडी ज्योति बासु दफ्तर छोंड़ धरना स्थल पर पहुंचे। विधायक पुरषोत्तम कंवर ,तहसीलदार सोनू अग्रवाल की मौजूदगी में ईडी के समक्ष मांगे रखी गई। घण्टों चली वार्ता के बाद ईडी श्री बासु ने सबसे प्रमुख मांग प्रभावित ग्राम लोतलोता सहित आश्रित गांवों को केंद्रीय भू अर्जन नीति के दायरे में नहीं आने का हवाला देकर प्रभावित क्षेत्रों में विधिवत शामिल करने पर असहमति जताई। लरकीं शेष मांगों को शीघ्र पूरा करने सहमति जता दी। लिखित आश्वासन के बाद देर शाम धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ।

इन मांगों पर बनी सहमति

०नोकरी नहीं मिलने के एवज में प्रति प्रकरण दिए जाने वाले 5 लाख की मुआवजा राशि का प्रकरण एसडीएम कटघोरा के यहाँ प्रस्तुत कर दिया गया है। शीघ्र मुआवजा दी जाएगी।

० राखड़ उड़ने से होने वाली क्षति -पूर्ति का एनटीपीसी एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त सर्वे के पश्चात प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।

० पेयजल के लिए 5 बोरवेल के लिए पीएचई के साथ मिलकर संयुक्त सर्वे के पश्चात एनटीपीसी द्वारा राशि जमा कराई जाएगी।

०मेडिकल वैन की सुविधा चालू होते ही लोतलोता गांव को शेड्यूल में डाला जाएगा।

० 25 -30 युवाओं का योग्यता के साथ बायोडाटा लिया जाएगा। जिसके पश्चात योग्यता अनुसार संविदा के आधार पर रोजगार देने पहल की जाएगी।

०पुरेनाखार में रोड का सर्वे के बाद सड़क तैयार करने विचार किया जाएगा।

०एश डाइक को हमेशा गीला रखा जाएगा ताकि राखड़ न उड़े।

वर्जन

बन गई है सहमति ,प्रदर्शन हो गया है समाप्त

प्रभावितों एवं प्रबंधन के मध्य वार्ता के दौरान अधिकांश मांगों पर सहमति बन गई है ,जिसके उपरांत प्रभावितों ने विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। प्रबंधन द्वारा क्षतिपूर्ति सहित अन्य मांगों के लिए शीघ्र सर्वे की बात कही गई है। राजस्व विभाग इस कार्य के लिए प्राथमिकता से सहयोग करने को तैयार है।

सोनू अग्रवाल ,तहसीलदार दर्री