महंगाई की मार से अब द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ का दरबार भी अछूता नहीं है, क्योंकि यहां सावन माह में मंगला आरती में दर्शन करना महंगा हो चुका है. नए रिवाइज्ड रेट के मुताबिक सावन माह के मंगला आरती में शामिल होने के लिए भक्तों को पिछले साल की तुलना में 100 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे तो सावन के सोमवार के दिन पिछले साल के मुकाबले 300 रुपए ज्यादा भक्तों को अपनी जेब से ज्यादा ढीले करने होंगे. मंदिर प्रशासन ऐसा करने के पीछे व्यवस्थाओं में इजाफे का हवाला दे रहा है. मंदिर प्रशासन के इस फैसले पर श्रद्धालुओं की भी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं.
सावन माह में अगर आप भी द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री काशी विश्वनाथ की मंगला आरती में शरीक होना चाहते हैं तो आपको अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी.
क्योंकि काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने पिछले साल की तुलना में सावन माह में मंगला आरती में शामिल होने के लिए दरों में इजाफा कर दिया है.
पिछले साल जहां सावन माह में सोमवार छोड़ किसी भी दिन काशी विश्वनाथ की मंगला आरती में शामिल होने के लिए मात्र 600 रुपए लगते थे तो इस बार इसमें 100 रुपए बढ़ाकर 700 रुपए कर दिया गया है. वहीं, सावन के सोमवार के दिन मंगला आरती जो पिछले साल 1200 रुपए हुआ करती थी, जिसमें 300 रुपए का इजाफा करके 1500 रुपए कर दिया गया है. यह नई दर सिर्फ सावन के माह में ही प्रभावी रहेगी जबकि सामान्य दिनों में रेट पूर्व की तरह ही लागू हो जायेगा.
इस बारे में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक की ओर से नई रेट लिस्ट जारी करते हुए बताया गया है कि पिछले साल सावन माह के रेट में से केवल मंगला आरती को छोड़कर बाकी किसी में रेट रिवाइज नहीं किया है. बल्कि दो चीजों को श्रद्धालुओं की मांग से शामिल किया गया है. जिसमें महामृत्युंजय जाप 32 शास्त्रीयों से एक दिन में कराने का दर एक लाख रुपए रखा गया है और 5 दिनों तक 7 शास्त्रीयों द्वारा महामृत्युंजय जाप करने का दर 51 हजार रुपए है.
मंगला आरती में रेट बढ़ाने के पीछ उन्होंने कारण बताया कि कई और सुविधाओं को दिया जा रहा है. जैसे एलईडी लगाई जा रही है, बैठने की भी व्यवस्था की जा रही है. विस्तृत परिसर में बैठने, हवा और पानी की भी व्यवस्था करा दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि कोविड नियमों के तहत ही मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन कराया जाएगा.
वहीं मंदिर आए श्रद्धालुओं की माने तो उनकी मिली जुली प्रतिक्रियाएं सुनने को मिलीं. किसी ने मंदिर प्रशासन के फैसले को उचित तो किसी ने अनुचित बताया. काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने आए आशीष राय ने बताया कि महंगाई के चलते जिस तरह से बाकी चीजों के रेट में इजाफा हुआ है उसी तरह 100 रुपए का बढ़ना कोई बड़ी चीज नहीं है. कॉरिडोर के काम के लिए भी आखिर पैसे कहां से आएंगे? तो वहीं एक अन्य श्रद्धालु राजकुमार ने बताया कि कोरोना काल में मंदिर को रेट नहीं बढ़ाना चाहिए था. पिछले साल 1200 रुपए था तो इस बार 1500 रुपए करने की जरूरत नहीं थी. बल्कि अगले साल रेट बढ़ाना चाहिए था. हालांकि श्रद्धालुओं को मजबूरी में पूरे पैसे खर्च करना ही पड़ेगा.