संसद ने किशोर न्याय – बाल देखभाल और संरक्षण संशोधन विधेयक 2021 पारित कर दिया है। इसे आज राज्यसभा ने पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है। यह विधेयक किशोर न्याय – बाल देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015 में संशोधन के लिए लाया गया है।
संशोधनों में मामलों के जल्द निपटान और जवाबदेही बढ़ाना सुनिश्चित करने के लिए दत्तकग्रहण आदेश जारी करने के लिए एडिशनल जिला मजिस्ट्रेट सहित जिला मजिस्ट्रेट को अधिकृत करना शामिल है।
इस विधेयक में बाल कल्याण समिति के सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंडों को परिभाषित करने और पहले से अपरिभाषित अपराधों को गंभीर अपराधों की श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि बच्चों को न्याय और सहायता उपलब्ध कराना ज़रूरी है। इसलिए बाल कल्याण समितियों को भी मजबूत किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि बच्चों की जरूरतों और उनके अधिकारों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में इसके लिए प्रावधान किया गया है।