कोटमेर में कैम्पा मद से करोड़ों के स्टापडेम निर्माण चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट,जेसीबी से काम कराने का ग्रामीण लगा रहे आरोप ,लो एरिया में बना दिया गया स्टापडेम ,ग्रामीण कह रहे पानी तो मिलना मुश्किल, बर्बाद कर दिए करोड़ों की शासकीय राशि
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा (भुवनेश्वर महतो)।वनांचल ग्राम कोटमेर में सिंचाई सुविधाओं में विस्तार के नाम पर वन विभाग द्वारा कैम्पा मद से करोड़ों की लागत से तैयार किए गए स्टापडेम ,डबरी निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई । तकनीकी मापदंडों को नजरअंदाज कर लो लाईन एरिया (निचली क्षेत्र )में स्टापडेम तैयार करने से 2 फीट से अधिक पानी नहीं मिलेगा।अधिकांश काम अफसरों ने मजदूरों की जगह जेसीबी से करा दिए। 50 से अधिक मजदूर 3 माह बाद भी अपने खून पसीने की मजदूरी के लिए वन अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं। नाराज ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर शिकायत करने की बात कही है।
कटघोरा वनमण्डल के साथ साथ कोरबा वनमण्डल भी अपने कार्यों को लेकर सुर्खियों में है। करतला रेंज के ग्राम कोटमेर में शासन ने कैम्पा मद से सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए विभिन्न कार्ययोजनाओं को मंजूरी दी है। जिसमें कोटमेर के औरानाला में 90 लाख के स्टापडेम निर्माण प्रमुख कार्य है। इसके अलावा नरवा विकास योजना के तहत औरानाला में ही 23 लाख 26 हजार 73 रुपए की लागत से 14 गैबियन स्ट्रक्चर ,10 लाख 42 हजार 242 रुपए की लागत से 2 नग डबरी निर्माण ,10 लाख 4 हजार 532 रुपए की लागत से 108 नग अर्थन गली प्लग ,6 लाख 95 हजार की लागत से 188 नग लूज बोल्डर चेक डेम निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई है।इस तरह करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए कार्य किया जा रहा है। ताकि वर्षा जल को संचित कर किसानों के लिए बारहोंमास सिंचाई सुविधा का प्रबंध सुनिश्चित किया जा सके। लेकिन ये योजनाएं तकनीकी खमियों एवं अनियमितता की भेंट चढ़ गई है।ग्रामीणों की सूचना पर प्रखर समाचार की टीम जब ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर इसका जायजा लिया तो हैरान कर देने वाली नजारे नजर आए। ग्रामीणों ने स्पॉट पर ही लगभग पूर्ण हो चुके स्टॉपडेम के निर्माण में वन विभाग के अफसरों के मनमानी की पोलखोलकर रख दी।ग्रामीणों भोगीलाल ,नरेंद्र राठिया,कौशल ,सुफलसिंह का कहना था कि अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी । पूर्व योजना के तहत निर्मित स्टापडेम के समानांतर ऊपरी क्षेत्र में स्टापडेम तैयार करना था। लेकिन लो एरिया में स्टापडेम तैयार कर दिया जो 10 फिट नीचे है। ग्रामीणों का कहना था कि इसमें बमुश्किल 2 फीट भी पानी ठहर जाए तो बहुत होगा। ग्रामीणों ने बताया कि रेंजर ,डिप्टी रेंजर ने निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। स्टापडेम के गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए। ग्रामीणों के मुताबिक 3 से 4 ठेकेदारों के माध्यम से कराए गए निर्माण कार्य में जहां जरुरत नहीं थी वहाँ भी मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन से काम कराकर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया गया है। यही नहीं स्टापडेम में खून पसीना बहाकर मजदूरी करने के 3 माह बाद भी मजदूरी नहीं मिलने का दर्द भी मजदूरों का छलक उठा। वन परिक्षेत्र अधिकारी के दफ्तर के चक्कर काट चुके मजदूरों को मजदूरी भुगतान करने के बजाए सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन दिया जा रहा है। जबकि उनके खाते में पैसे आए ही नहीं। ग्रमीणों ने आरोप लगाया कि अधिकांश काम परिक्षेत्र सहायक संतोष कश्यप द्वारा कराया गया है। नाराज ग्रामीण अब कलेक्टोरेट जाने का मन बना रहे हैं। साथ ही मामले की सीसीएफ व सीएम को शिकायत करने की बात कह रहे हैं।
बॉक्स
जेसीबी से खनन कर तैयार किया गया डबरी निर्माण भी अधूरा

वन विभाग को शासन के नियम कायदों की कोई परवाह नहीं है। वन विभाग के अफसर खुद ही मापदंड तय कर अपने अनुसार कार्य कराते हैं। इसका नजारा भी कोटमेर में देखने को मिला।वन्यजीवों की प्यास बुझाने तैयार किए गए एकमात्र डबरी निर्माण भी मनमानी व अनियमितता की भेंट चढ़ गया है । मजदूरों की जगह जेसीबी से खनन कर डबरी तैयार किया गया है। उसमें भी डबरी को आधा अधूरा छोड़ दिया गया है।
तो इसलिए अनुनपातिक रूप से विचलित हो गए थे अधिकारी ,आरटीआई में जानकारी देने से किया था इंकार
उल्लेखनीय है कि वनमण्डलाधिकारी कार्यालय कोरबा में दिनांक 23 .01.2021 को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 में निहित प्रावधानों के तहत 88 नग आवेदन पत्रों के माध्यम से जिला खनिज संस्थान न्यास एवं कैम्पा मद के तहत कराए गए कार्यों से जुड़े अभिलेखों की सत्यप्रतिलिपि की मांग की गई थी । जिसमें एपीओ वर्ष 2019-20 में कैम्पा मद के तहत प्राप्त आबंटन में करतला परिक्षेत्र के औरानाला में नरवा विकास योजना के तहत कराए गए ,गैबियन स्ट्रक्चर ,अर्थन गली प्लग ,डबरी निर्माण की जानकारी भी शामिल था। लेकिन जन सूचना अधिकारी कार्यालय वन मण्डलाधिकारी ने दिनांक 16 /02/2021 को पत्र लेख कर जानकारी देने से इंकार कर दिया था। पत्र लेख किया गया था कि जानकारी वर्षवार माहवार संधारित की जाती है । जिसकी वजह से प्रत्येक माह के बिल के आधार पर पृथक पृथक आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा।
आवेदक द्वारा एक साथ 88 आवेदन पत्रों में जानकारी चाही गई है । जो सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 07 (09) के तहत स्रोतों को अनुनपाती रूप से विचलित करता है का लेख किया गया था। जबकि प्रावधान में ऐसा कोई उल्लेख ही नहीं है । हैरानी की बात तो तब रही जब 16 आवेदन प्रस्तुत करने पर भी इसी तरह का पत्र लेख कर आवेदक को जानकारी से वंचित कर दिया गया। दरअसल भ्रष्टाचार उजागर न हो इस मंशा से आवेदक को वांक्षित अभिलेखों से वंचित करने ऐसा भ्रामक पत्र लेख किया गया था।कोटमेर के औरा नाला में कराए गए कार्य इस बात को और बल दे रहे।
सुनें भ्रष्टाचार की कहानी ग्रामीणों की जुबानी
किसी काम का नहीं ,2 फीट ठहरेगा पानी
वीडियो
करोड़ों का स्टापडेम किसी काम का नहीं होगा। जिस स्थल पर स्टापडेम बनाया गया है मुश्किल से 2 फीट पानी मिल जाये तो बहुत होगा।
जगन्नाथ सिंह राठिया
ठेकेदार से बनवाए हैं पूरा पैसा खा गए
वीडियो
ऊपरी क्षेत्र में स्टापडेम बनाना था ढलान एरिया में बना दिए। पूरा पैसा ठेकेदारों के साथ मिलकर बर्बाद कर दिए। कार्यवाई होनी चाहिए।
भोगी लाल
बिटिया ने किया काम नहीं मिली मजदूरी
वीडियो
मेरी पुत्री ने स्टापडेम निर्माण में काम किया है । आज पर्यन्त मजदूरी नहीं मिली।हम लोग कितने बार अधिकारियों के पास मजदूरी के लिए मिन्नतें करने जाएंगे।
कौशल
अधिकारी बोले डाल दिए हैं पैसा खाते में नहीं आया
वीडियो
मैंने एक माह तक खून पसीना बहाकर कड़ी धूप में स्टापडेम निर्माण में काम किया। लेकिन आज अपने ही पैसे के लिए मोहताज हो गया। रेंजर साहब के पास गया था बोले डाल दिये हैं । अभी तक नहीं आया।
तीजराम मंझवार
वर्जन
कलेक्टर दिलवा सकती हैं मजदूरी तो जाएं उनके पास
क्या ग्रामीण इंजीनियर हैं जो उन्हें तकनीकी पहलू पता होगा।अभी स्ट्रक्चर पूरा बना नहीं है जब गेट लगेगा तो पानी रुकेगा। आपको अभी से चिंता क्यूँ हो रही। मजदूरी भुगतान किसी का लंबित नहीं है सिर्फ मुरुम का बाकी है । निर्माण स्तर पर जो लंबित है गेट लगने के बाद परफार्मेंस देखने के बाद भुगतान कर दिया जाएगा। अगर किसी मजदूर का मजदूरी भगतान लंबित है तो वो हमारे पास आएं हम उन्हें देखना चाहेंगे। कलेक्टोरेट जाने से मजदूरी मिलेगी कलेक्टर मजदूरी दिलवाएंगी तो वो जाएं उन्हीं के पास ।
श्रीमती प्रियंका पांडेय, डीएफओ कोरबा
वर्जन
कलेक्टर सहित सीएम से करेंगे शिकायत
स्टापडेम एवं डबरी निर्माण में व्यापक पैमाने पर मनमानी व भ्रष्टाचार किया गया है। स्टापडेम अनुपयोगी साबित होगा। मजदूरों का मजदूरी भुगतान आज पर्यन्त लंबित है। कई कार्य मजदूरों की जगह जेसीबी से कराया गया है। उक्त कार्यों की जांच कर वन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग को लेकर कलेक्टर सहित मुख्यमंत्री से हम शीघ्र शिकायत करेंगे।
प्रेम सिंह राठिया
वन समिति अध्यक्ष