आरटीई में ऐसी लेटलतीफी, दस्तावेजों का सत्यापन तक नहीं, लाॅटरी में भी पिछड़े

रायपुर. कोरोना के कारण तय शेड्यूल से देरी से चल रही आरटीई लॉटरी प्रक्रिया में अब और विलंब हो गया है। पहले चरण की लॉटरी राज्य में 6 से 8 अगस्त तक निकाली जानी थी, लेकिन अब तक यह लॉटरी नहीं निकाली जा सकी है। गिनती के कुछ जिलों में ही लॉटरी निकाली गई है। रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव सहित कई बड़े जिले तारीख बीत जाने के बाद भी लॉटरी नहीं निकाल सके हैं। इसकी वजह यहां दस्तावेज का सत्यापन नहीं होना है। संबंधित जिलों के जिला शिक्षा कार्यालय के मुताबिक, थोक में आवेदन आने के कारण वे वक्त पर इनकी जांच नहीं कर सके हैं। हालांकि इस वर्ष आरटीई के लिए आवेदन प्रक्रिया मार्च में प्रारंभ हो चुकी थी। कोरोना के कारण 4 अगस्त तक का समय आवेदन के लिए दिया गया।

लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 5 अगस्त तक का समय प्राप्त आवेदनों के सत्यापन के लिए दिया गया था। तय वक्त में एक भी जिले द्वारा दस्तावेज का सत्यापन कर लॉटरी जारी नहीं किया जा सका। वर्तमान में मुंगेली, कोरबा, कोरिया, बस्तर, जशपुर, कवर्धा, गरियाबंद, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा, दुर्ग व नारायणपुर में ही लाॅटरी निकाली गई है। यहां भी तय तिथि गुजर जाने के बाद ही पहले चरण की लॉटरी निकली है। दो माह पहले ही पढ़ाई शुरु प्रदेश में आरटीई के अंतर्गत निजी स्कूलों में 83,363 सीटें हैं। इनके लिए 71,822 आवेदन मिले हैं। इन स्कूलों में 15 जून से ही ऑनलाइन मोड में पढ़ाई प्रारंभ कर दी है। अब यदि आरटीई के तहत छात्र यहां प्रवेश प्राप्त करते हैं, तो उनकी 2 माह की पढ़ाई पहले ही बर्बाद हो चुकी होगी। पढ़ाई की भरपाई करने में इन छात्रों को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ेगी। सितंबर में जिन्हें प्रवेश मिलेगा, उनकी 3 महीने की पढ़ाई का नुकसान इस लेट-लटीफी के कारण मौजूदा सत्र में होगा। आगे बढ़ेगी दूसरे चरण की तिथि 8 अगस्त तक लॉटरी निकाले जाने के बाद 15 अगस्त तक का समय दाखिले के लिए निर्धारित किया गया था। दूसरे चरण की लॉटरी के लिए 16 से 26 अगस्त तक आवेदन मंगाए गए हैं। दूसरे चरण में प्राप्त हुए आवेदनों का सत्यापन 27 अगस्त से 2 सितंबर तक किया जाएगा। 3 से 5 सितंबर तक लॉटरी मांगी जाएगी। जिन छात्रों के नाम सूची में होंगे, उन्हें 11 सितंबर तक संबंधित स्कूल में प्रवेश लेना होगा। चूंकि अभी प्रथम चरण की लॉटरी ही नहीं निकली है, ऐसे में 15 अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण हो पाना संभव नहीं है। लेट-लतीफी के कारण अब दूसरे चरण की तारीखें भी बढ़ानी पड़ेगी।