हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। संसदीय क्षेत्र कोरबा की जनता अपनी मांगों समस्याओं को लेकर स्थाई रूप से निवास नहीं करने की वजह सेअपने सांसद से सहज सरल रूप से नहीं मिल पा रही है। आमजन के लिए पूर्व सांसद की भांति अपनी उपलब्धता सुनिश्चित करने संबधी मीडिया के सवालों पर सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कोविड -प्रोटोकॉल कोरोना संकट का हवाला दिया है। जिससे उबरने के बाद उन्होंने बेहतर तरीके से कार्य करने की बात कही है। वहीं सैकड़ों अधिकारियों जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में जिला समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में शामिल होने के बाद दिए गए अपने इस बयान से सांसद स्वयं घिर गई हैं।
यहाँ बताना होगा कि कोरबा -कोरिया लोकसभा क्षेत्र के साँसद के रूप में कांग्रेस से श्रीमती ज्योत्सना महंत निर्वाचित हुई हैं।उनके पति प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष के एक बड़े ओहदे के साथ सरकार में अपनी बड़ी सख्सियत रखते हैं। 8 विधानसभाओं वाले कोरबा लोकसभा क्षेत्र में कोरबा जिले के सर्वाधिक 4 विधानसभा क्षेत्र कोरबा ,रामपुर ,कटघोरा एवं पाली तानाखार समाहित हैं। जबकि कोरिया जिले से मनेन्द्रगढ़ ,कोरिया ,एवं भरतपुर -सोनहत तो बिलासपुर जिले का एकमात्र मरवाही विधानसभा क्षेत्र समाहित है। इस तरह कोरबा लोकसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 4 विधानसभा क्षेत्र समाहित होने की वजह लोकसभा सीट का कोरबा मुख्यालय है। लेकिन जिन उम्मीदों आकांक्षाओं के साथ जनता ने कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी को प्रचंड मतों से जिताया वो ही उनकी मांगों व समस्याओं के लिए सहज सरल रूप से कोरबा में उपलब्ध नहीं हो पा रहीं । पूर्व भाजपा सांसद स्व. डॉक्टर बंशीलाल महतो की तरह न तो वे यहां सरकारी बंगला ,निजी मकान होने के बाद भी स्थाई तौर निवास करती हैं न ही हफ्तों में आमजनता से मिलने का उनका कोई शेडयूल तय है। जिसकी वजह से केवल सरकारी बैठकों व दौरों ,कार्यक्रमों में उपस्थिति के दौरान ही वो नजर आती हैं। ऐसे कार्यक्रमों में आम जनता का आसानी से उन तक अपनी बात पहुंचा पाना मुश्किल रहता है। जिसे देखते हुए जनता अपने सांसद से बड़ी आश लगाए बैठी है कि वो कब अपने संसदीय क्षेत्र की मतदाताओं के लिए सहज सरल रूप से उपलब्ध होंगी। हसदेव एक्सप्रेस ने जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में शामिल होने पहुंची सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत से सीधे इससे जुड़े सवाल पूछा कि कब वो सहज सरल रूप से अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के लिए उपलब्ध रहेंगी तो उन्होंने सीधे तौर पर इसको कोविड -प्रोटोकॉल से जोड़ दिया। सांसद श्रीमती महंत ने कहा कि वर्तमान में मुख्य मुद्दा कोविड से निबटने का था। तो ऐसे समय में हमारी कार्यप्रणाली जो कुछ भी कर सकते थे करने कि रही । इस कार्य में सरकार भी सहयोग कर रही। सांसद श्रीमती महंत ने कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इससे उबरने के बाद ही अच्छे तरीके से कार्य करने की बात कही।
जनता के लिए कोविड प्रोटोकॉल ,बैठकों दौरों के लिए नहीं ,जबाब पर घिरीं
सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत अपने इस बयान से स्वंय घिर गई हैं। एक तरफ कोविड प्रोटोकॉल, कोरोना संकट का हवाला देकर वो जनता के बीच जाने व जनता से मिलने दूरियां बना रही हैं वही कोविड -प्रोटोकॉल मंगलवार को सैकड़ों अधिकारियों जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में आयोजित बैठकों में शामिल होने के दौरान उन्हें नजर नहीं आया। माजरा साफ है कोविड – प्रोटोकॉल केवल आमजनता के लिए है। अधिकारी कर्मचारियों दौरों व कार्यकर्ताओं से मेल मुलाकात के लिए नहीं है। हालांकि जिले की जनता अपने सांसद से अभी भी आश लगाए बैठी हुई है।