पर्यावरण विभाग ने दे रखी है मनमानी की छूट ,जगह जगह किया जा रहा राखड़ डंप
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। बालको प्रबंधन की मनमानी अब जनजीवन पर असर डाल रही है। रिसदी से लेकर उरगा क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों का स्वास्थ्य दांव पर लग गई है। राखड़ प्रबंधन में फैल बालको अपने पूरी तरह भर चुके राखड़ बांध (ऐश डाइक)के राखड़ का निबटान करने उसे अन्य प्रयोजनों के जरिए खपाने में लगा है। लेकिन उसे न तो नियम कायदों की परवाह है न ही प्रशासन का डर। वाहनों के जरिए बिना सही तरीके से तिरपाल ढंके गीली राखड़ का परिवहन कर रही है ।मुख्य मार्गों में गिर रही राखड़ सूखकर वाहन चलते ही धूप का गुब्बार बनकर उड़कर लोगों की श्वांस नलिका में घुसकर उन्हें धीमी मौत की ओर धकेल रही है। बालको को मनमानी की छूट दे रखे पर्यावरण विभाग के अफसरों की मिलीभगत को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
यहाँ बताना होगा कि बालको प्रबंधन की मनमानी जिले में नहीं रुक रही। बालको प्रबंधन राखड़ के सुरक्षित निबटान में फैल रही है ।बालको के राखड़ बांध के विस्तार के बाद भी राखड़ बांध में हर साल राखड़ की मात्रा बढ़ती जा रही है। जिससे प्रबंधन की चिंता बढ़ती जा रही है। साथ ही राखड़ बांध के आसपास बसे लोगों को भी डर सताती रहती है। इस बीच बालको प्रबंधन राखड़ बांध से राखड़ की मात्रा कम करने उसे अन्य प्रयोजनों में खपाने में लगा है। इसके लिए बरबसपुर के निकट व उरगा क्षेत्र में वाहनों के जरिए राखड़ का परिवहन किया जा रहा है। लेकिन यहाँ भी बालको को न तो नियम कायदों की परवाह है न ही प्रशासन का डर। वाहनों के जरिए गीली राखड़ का परिवहन किया जा रहा है। वाहनों में सही तरीके से तिरपाल भी नहीं ढंका रहता है। वाहनों का गीली राखड़ मुख्य मार्ग में जगह जगह गिरते हुए जा रहा है। जो एक दो दिन में ही सूखकर वाहनों के चलने धूल का गुब्बार बनकर उड़ रहा है लोगों की श्वसन तंत्र पर विपरीत असर डाल रही है। पर्यावरण विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा इसको लेकर किसी भी तरह की कार्यवाई नहीं किए जाने से लोगों में खासी नाराजगी है।वैसे भी पर्यावरण विभाग के नए क्षेत्रीय अधिकारी जब से जिले में पदस्थ हुए हैं तब से उनकी कार्यशैली चर्चित रही है। शिकायत के जांच की बजाए उद्योगों को प्रश्रय देते रहे हैं। जिसकी चर्चा आम से खास लोगों की जुबां पर है। बहरहाल अब आक्रोशित ग्रामीण बालको के खिलाफ एक बार फिर कलेक्टोरेट कूच करने का मन बना रहे हैं।
मुख्य मार्ग में भी राखड़ किया डंप ,लोग परेशान

मुख्य मार्गों के बगल में ही कई जगह मनमाने ढंग से राखड़ डंप कर दिया गया है। जिसकी वजह से भी लोग परेशान हैं । लोगों का कहना है कि उन्हें ये समझ नहीं आ रहा है आखिर किसकी शह पर या किस तरह की अनुमति पर बालको ऐसी दुस्साहस पर उतर आई है। पर्यावरण विभाग सहित जिला प्रशासन इस मनमानी पर आंख मूंदे हुई है। जन समस्याओं से किसी को सरोकार नहीं है। जिन स्थलों पर राखड़ डंप किया जा रहा है उसकी एनओसी की जांच की जानी चाहिए।


लगातार जद में आने से हो सकता है कैंसर
संयत्रों से उत्सर्जित राखड़ में आर्सेनिक ,मरकरी, लेड ,वैनेडियम ,थैलियम ,माली बेडनम ,कोबाल्ट,मैंगनीज, बेरीलियम,बेरियम,एंटीमनी ,एल्युमिनियम, निकेल,क्लोरीन,और बोरान जैसे तत्व पाए जाते हैं। इन्वारेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीई)की रिपोर्ट के अनुसार राखड़ में से अधिकांश तत्व हेवी मेटल (भारी धातु)के होते हैं। जिनकी जद में निरंतर आने पर किसी भी व्यक्ति को कैंसर जैसी खरतनाक बीमारी हो सकती है।