कोरबा। एसईसीएल की खदानों से कोयला उत्पादन की रफ्तार बढ़ने के बावजूद बिजली संयंत्रों में कोयल संकट नहीं टला। कई संयंत्रों में महज 2 से 3 दिन का कोल स्टाक मौजूद है। इस वजह से संयंत्र क्रिटिकल स्थिति से उबर नहीं पाए हैं।
बिजली संयंत्रों में कोयला स्टाक की कमी को दूर करने पुरजोर कोशिश की जा रही है। इसके लिए एसईसीएल की खदानों से कोयला उत्पादन और उठाव भी बढ़ गया है। बावजूद इसके छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी के संयंत्रों के साथ ही अन्य बिजली प्लांटों में कोयले की कमी बरकरार है। कुछ संयंत्रों में जरूर स्थिति सामान्य हुई है। मगर कोयला संकट पूरी तरह से टला नहीं है।छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के पावर संयंत्रों में कोयले की कमी बनी हुई है। डीएसपीएम में 18.4 हजार टन कोयला स्टाक है। यह कोयला संयंत्र का दो दिनों का स्टाक है। एचटीपीपी में 98.9 हजार टन छह दिन एवं मड़वा संयंत्र में 82.2 हजार टन आठ दिन का कोयला है। इसके अलावा एनटीपीसी कोरबा में 99.4 हजार टन कोयला स्टाक शेष है यहां भी दो दिनों का ही कोयला है। इसके अलावा लारा टीपीपी में 80.9 हजार टन कोयला तीन दिनों के लिए बाकी है।
10 दिनों में बढ़ा कोयला उत्पादन
केन्द्रीय कोयला मंत्री के दौरे के बाद एसईसीएल की खदानों से कोयला उत्पादन बढ़ा है। पिछले 10 दिनों के भीतर ही खदानों से तीन मिलियन टन कोयला उत्पादन बढ़ चुका है। डेली कोल प्रोडक्शन भी 3.75 लाख टन हो रहा है। बिजली प्लांटों में कोयला आपूर्ति बढ़ाई गई है।इसके बाद भी प्लांटों में संकट पूरी तरह से दूर नहीं हुआ है। आलम यह है कि चालू वित्तीय वर्ष में एसईसीएल लगभग 63 मिलियन टन के पार पहुंचा है। 172 मिलियन टन सालाना लक्ष्य को पूरा करने लगभग पांच माह और कुछ दिनों में 108.55 मिलियन टन कोयला उत्पादन की चुनौती है। इस लिहाज से हर माह 21 मिलियन टन से अधिक कोयला का उत्पादन करना होगा।
बाक्स
संयंत्रों में कोल स्टॉक की स्थिति
संयंत्र -मेगावाट- स्टॉक -दिन
बालको- 600 -65.0 – 9
एनटीपीसी कोरबा 2600 99.4 2
एनटीपीसी सीपत – 2980- 295.0 -8
डीएसपीएम 500 -18.4 -2
एचटीपीपी 1340 -98.9- 6
मड़वा 1000 -82.2- 8
भिलाई टीपीएस 500- 33.1- 5
अकलतरा टीपीएस 1800- 141.0- 9
लारा टीपीपी 1600- 80.9 – 3
लैंको पताढ़ी 600 -102.6- 13
(नोट- स्टॉक हजार टन में)