कोरबा । 21वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2021-22 का आयोजन 7 से 10 नवंबर तक किया जा रहा है। टेनिस क्रिकेट, टेनिस बॉल क्रिकेट, किक बॉक्सिंग एवं थ्रो बॉल के प्रतिभागी इस स्पर्धा में शामिल हो रहे हैं। प्रतियोगिता का शुभारंभ अवसर पर कोरबा सांसद की जहां उपेक्षा साफ तौर पर नजर आई वहीं कांग्रेस के दोनों विधायक भी बतौर अतिथि शामिल नहीं हुए। आयोजन को लेकर कई तरह के सवाल भी उठे हैं।
सीएसईबी कोरबा पूर्व के फुटबाल मैदान में राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के हाथों कराया गया। आयोजन समिति के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर एवं पदेन संगठन सचिव जिला शिक्षा अधिकारी हैं। स्पर्धा के सफल संचालन के लिए अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट में बैठक भी हुई। जिला क्रीड़ा अधिकारी प्यारेलाल चौधरी, जिला खेल अधिकारी आरके साहू एवं सहायक जिला क्रीड़ा अधिकारी केआर टंडन भी इसमें शामिल रहे। रविवार को होने वाले कार्यक्रम के लिए कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत को आमंत्रित नहीं किया गया और न ही आमंत्रण कार्ड में सांसद के नाम का अतिथि बतौर जिक्र करना मुनासिब समझा गया। अपने संसदीय क्षेत्र की जनसमस्याओं एवं जनहित को लेकर सदैव सक्रिय होने वाली सांसद को इस राज्य स्तरीय स्पर्धा के लिए अतिथि नहीं बनाए जाने की चर्चा प्रशासनिक से लेकर आम लोगों में है। इसी तरह कांग्रेस के विधायक राज्यमंत्री दर्जा पुरूषोत्तम कंवर एवं मोहितराम केरकेट्टा को क्रमश: कार्यक्रम अध्यक्ष व विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया लेकिन वे भी आयोजन में नहीं पहुंचे जो खासी चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि प्रशासन स्तर पर होने वाले आयोजनों में कई ऐसे मौके आए हैं जब जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा हुई है। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा न हो, इसके लिए राज्य शासन द्वारा समय-समय पर निर्देश भी जारी किए जाते रहे हैं किंतु राज्य स्तरीय जैसे आयोजनों में कहा जा रहा है कि यह उपेक्षा जान बूझकर की गई है। इस पूरे मामले में सांसद प्रतिनिधि ने अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसकी शिकायत जिम्मेदार लोगों से की जाएगी। इतना ही नहीं बल्कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम जो कि कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री भी है, उन्हें भी बुलाना जरूरी नहीं समझा गया। जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी भी आयोजन से नदारद रहे। अधिकारी की नजर में अच्छा बनने के लिए एक-दो लोग ही पूरे आयोजन का संचालन कर रहे हैं और इनके द्वारा की जा रही बंदरबाँट इनके लोगों में ही चर्चा का विषय बना हुआ है।