सोती रही पुलिस ,एसीबी के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर के घर से चोरों ने 50 लाख का जेवर कर दिए पार ,कोरबा में पेशेवर चोर गिरोह की दस्तक !

कोरबा। जिले में पुलिस की निष्क्रियता से एक बार फिर चोरों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया है । एसीबी इंडिया लिमिटेड के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर वीरसेन संधू के घर पर चोरों ने तकरीबन 40 से 50 लाख का जेवर पार कर दिया है। एक बड़ी निजी कंपनी के डायरेक्टर के घर हुई चोरी ने काफी कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया है।

दीपका थाना क्षेत्र के ग्राम बतारी स्थित एसीबी इंडिया के आवासीय कॉलोनी परम मित्र नगर में काफी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था को भेद कर अज्ञात चोरों ने वीरसेन संधू के बंगले में पीछे के रास्ते से प्रवेश किया। मंगलवार रात हुई इस चोरी की भनक बंगले के सामने मौजूद कर्मचारियों तक को नहीं हो पाई। चोरों को यह बात जरूर पता थी कि कर्मचारी ज्यादातर पीछे के रास्ते से कोई वास्ता नहीं रखते होंगे। यह भी तय है कि वारदात से पहले अच्छे से रेकी की गई होगी। यहां से चोरों ने पीछे के रास्ते घर में घुसकर अलमारी और लॉकर को तोड़कर 40 से 50 लाख कीमत के जेवरातों पर हाथ साफ किया और संभवतः जिस रास्ते से आये, उसी रास्ते से वापस लौट भी गए। मामले में धारा 457, 380 के तहत जुर्म दर्ज कर पुलिस चोरों की तलाश में जुट गई है। साइबर सेल, डॉग स्क्वाड, फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम के साथ ही आला अधिकारी इस चोरी को सुलझाने में जुट गए हैं। लोकल इनपुट और स्थानीय संलिप्तता को भी जांच के दायरे में रखा गया है जो गिरोह के लिए निश्चित ही मददगार साबित हुए होंगे।ज्ञात हो कि इससे पहले रविशंकर शुक्ल नगर में पुष्प विहार कॉलोनी निवासी शरद एस के सूने घर से बड़ी सफाई पूर्वक 4 लाख के जेवर और नकदी चोरी कर लिए गए। इसके पहले हरदी बाजार पुलिस चौकी क्षेत्र में दुखुराम पटेल के सूने घर से चोरी एवं अकेले रह रही बेवा गिरजा बाई सोनी के घर छत के रास्ते उतर कर उसे बंधक बनाकर लगभग तीन लाख की लूट का भी मामला अनसुलझा है। इन सभी मामलों को सुलझाना पुलिस के लिए जहां चुनौती बनी हुई है वहीं सबसे बड़ी चुनौती वीरसेन संधू के घर हुई चोरी की गुत्थी को सुलझाने की है। रेंज के आईजी रतनलाल डाँगी इस मामले में लगातार नजर रखे हुए हैं तो एसपी भोजराम पटेल के मार्गदर्शन में पुलिस अधिकारियों द्वारा अनेक बिंदुओं पर कार्य शुरू करते हुए संदेहियों को खंगाला जा रहा है। बाघा ने कुछ अहम सुराग दिए हैं वहीं साइबर सेल की टीम भी गहन विवेचना में सहयोग कर रही है। बता दें कि इसके पहले पूर्व वर्ष में इसी एसीबी कंपनी के माइनिंग कैम्प से भी चोरी/लूट की वारदात हुई थी। हालांकि बाद में यहां हुई चोरी के मसले को अमानत में खयानत का रूप दे दिया गया और स्थानीय कर्मचारी पर सारे दोषारोपण हुए। दफ्तर में चोरी का वह मामला और तत्कालीन एसपी के मार्गदर्शन में तत्कालीन टीआई द्वारा अनेक तथ्यों को उजागर न करते हुए सुलझाने का तरीका अपने आप में अजीबोगरीब ही रहा। अब इसी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के घर हुई चोरी में किसकी संलिप्तता उजागर होती है, यह जानने के लिए कंपनी के कर्मचारी से लेकर अधिकारी और जिलावासी भी बेताब हैं।