कोरबा कोरबा में अवैध कोल डिपो चल रहा है। अवैध कार्यो पर रोक लगाने के सख्त निर्देशों के बीच आखिर इसे किसका संरक्षण है? बाकायदा तराजू लगाकर कोयला तौला जा रहा था जो लोग कैमरा देखते ही भाग खड़े हुए। शाम से रात के अंधेरे में कोयला की कालाबाजारी का खेल अब दिन में भी सोनपुरी में शुरू है।
बता दें कि पिछले दिनों कटघोरा थाना क्षेत्र में बगदेवा से लगे इलाके में बोरियों में भरा कोयला ट्रक में लोड करते वक्त पकड़ कर पुलिस को सूचित किया गया। मामला विवेचना में आगे नहीं बढ़ पाया है। मौके पर मिले मजदूर व लोगों ने कोरबा निवासी किसी अतुल के लिए काम करना बताया। सुतर्रा के किसी राजा नामक व्यक्ति का ट्रक इसमें नियोजित किया गया था। अब कटघोरा पुलिस ने इस ट्रक और कोयले को लावारिस बताकर खनिज विभाग के सुपुर्द कर दिया। यह तो सबको पता है कि खनिज विभाग में मामला जाने के बाद उसका हश्र क्या होना है! कटघोरा पुलिस ने भी जांच को आगे नहीं बढ़ाया और राष्ट्रीय संपत्ति के इस तरह चोरी कर कालाबाजारी करने के मामले में जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया जबकि सारा कारोबार अवैधानिक है। कटघोरा में पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के द्वारा अवैध कार्यों पर अंकुश लगाने की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। यह मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है कि एक अन्य कारोबारी ने कोयले का धंधा शुरू कर दिया। कुसमुंडा खदान क्षेत्र से लगे गांव में कोयले के बड़े-बड़े टुकड़े और बोरियों में भरा कोयला तौल कर भंडारित करने का काम चालू हो गया है। कप्तान की इस पर नजर है या नहीं, यह तो वे ही जानें लेकिन यह धंधा शुरू हो जाने से अच्छी क्वालिटी के कोयले की बिक्री का कारोबार जरूर प्रारंभ हो गया है। इसमें संरक्षणकर्ता के साथ ही एसईसीएल की भी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।