मैं कोई दान में देने की चीज़ नहीं, बेटी हूं आपकी; कन्यादान की रस्म नहीं निभाई ,आईएएस तपस्या की अनोखी शादी चर्चा में

नरसिंहपुर। मैं आपकी बेटी हूं, काेई दान की चीज नहीं… ये शब्द हैं IAS तपस्या परिहार के। उन्होंने अपने पिता विश्वास परिहार से यह बात कन्यादान के समय कही। तपस्या ने शादी के दौरान कन्यादान की रस्म निभाने से इनकार कर दिया।

नरसिंहपुर जिले के जोबा गांव की रहने वाली तपस्या की शादी आईएफएस (IFS) अधिकारी गर्वित गंगवार से हुई है। तपस्या ने UPSC-2018 में 23वीं रैंक हासिल की थी। शादी के दौरान कन्यादान की बारी आई, तो तपस्या ने उन्होंने पिता से कहा- पापा मैं दान की चीज नहीं हूं, आपकी बेटी हूं। इसके बाद यह रस्म नहीं निभाई गई। शादी के बाद गुरुवार को जोबा गांव में ही रिसेप्शन हुआ। सामान्य परिवार की तपस्या के पिता विश्वास परिहार किसान हैं। तपस्या का कहना है कि परिवार के साथ खासतौर पर पापा मेरे काफी करीब हैं। तपस्या ने बताया कि गर्वित के रूप में उन्हें एक ऐसा परिवार मिला, जिसे उनकी ये बातें सही लगती हैं। एक बात और भी है कि हमेशा लड़कियों से ही सवाल क्यों होते हैं, लड़कों से क्यों नहीं। कई चीजें ऐसी हैं, जो ठीक नहीं लगतीं। ट्रेनिंग के दौरान हुई दोनों की मुलाकात तपस्या ने बताया कि मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान गर्वित से मुलाकात हुई थी। दोनों के विचार एक जैसे और स्वतंत्र हैं। गर्वित पहले तमिलनाडु कैडर के आईएफएस रहे। नवंबर में उन्हें मप्र कैडर मिल गया। कैडर ट्रांसफर के लिए तपस्या और गर्वित ने जुलाई में कोर्ट मैरिज की। पारंपरिक तरीके से विवाह कार्यक्रम अब हुआ। दोनों अफसरों ने शादी के कार्ड में अपनी अखिल भारतीय सेवा का जिक्र नहीं किया। दोनों इसे भी उचित नहीं मानते। मैं दान करने की चीज नहीं IAS तपस्या का कहना है कि बचपन से ही उनके मन में समाज की इस विचारधारा को लेकर लगता था कि कैसे कोई मेरा कन्यादान कर सकता है, वह भी मेरी इच्छा के बगैर। शादी के समय मैंने परिवार से इस बारे में बात की। मेरी बात को परिवार ने भी माना। इसके बाद वर पक्ष से भी इसे लेकर बात की। उन्होंने ने भी हामी भर दी। इसके बाद बिना कन्यादान दिए शादी हो गई। शादी के बाद बहू को मंगलसूत्र पहनना पड़ता है। मांग भरनी पड़ती है, सिर्फ इसलिए कि बेटे की आयु बढ़े। सरनेम बदले भी तो हमारा। सिर्फ एक व्यक्ति के लिए दूसरा ही करता रहे। मुझे यह चीजें शुरू से पसंद नहीं रहीं। इस कारण जब शादी में कन्यादान की रस्म आई, तो मैंने मना कर दिया। जब दो फैमिली एक हो रही हों। दो लोग एक रिश्ते में हैं तो ऐसे में दान की कोई बात ही नहीं आनी चाहिए। ऐसी परंपराओं को दूर करना चाहिए तपस्या के पति IFS गर्वित का कहना है कि शादी के बाद लड़की को बदलना होता है। लड़की को मांग भरने से लेकर अन्य कई बातों में बदलाव करना हाेता है, जिससे वह शादीशुदा लगे। लड़कों के लिए ऐसा कुछ नहीं है। ऐसी परंपराओं को धीरे-धीरे दूर करना चाहिए। नरसिंहपुर से की पढ़ाई तपस्या का जन्म नरसिंहपुर के जोबा गांव में हुआ है। नरसिंहपुर के केंद्रीय विद्यालय से स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने पुणे स्थित इंडिया लॉ सोसाइटीज कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद UPSC की तैयारी दिल्ली से की। दूसरी कोशिश में उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।