आईएएस का रौब दिखाकर सोमनाथ दर्शन के लिए वीआईपी सुविधा मांगना पड़ा भारी ,कोरबा के दो प्रशिक्षु अधिवक्ता गिरफ्तार ,गुजरात पुलिस ने की कार्रवाई ,

राजकोट । सोमनाथ मंदिर में दर्शन के लिए खुद को आईएएस बताकर वीआईपी सुविधा मांगना कोरबा जिले के दो प्रशिक्षु अधिवक्ताओं को महंगा पड़ गया। फर्जीवाड़ा पर दोनों अधिवक्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके साथ में जेएमएफसी प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अंजली सिंह भी साथ में थीं।यह सारी कार्रवाई गुजरात में हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशिक्षु अधिवक्ता शरद पांडेय उसका भाई रवि पांडेय दोनों निवासी कोरबा और जेएमएफसी प्रथम श्रेणी अंजली सिंह गुजरात गए हुए थे। रायपुर से अहमदाबाद पहुंचने के बाद खुद को रेलवे का डीसीएम बताकर रेलवे गेस्ट हाउस में इन्होंने कमरे की व्यवस्था कराई। शरद और रवि पांडेय द्वारका शहर में मंदिर घूमने के दौरान अपना परिचय आईएएस अफसर के रूप में देते रहे। इतना ही नहीं उन्होंने कभी खुद को कलेक्टर तो कभी एसडीएम बताया। शरद खुद को हाई कोर्ट का मजिस्ट्रेट बताता रहा और जल्दी प्रमोशन होकर सुप्रीम कोर्ट का मजिस्ट्रेट बनने का रौब दिखाता रहा।दिल्ली के कानून विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी होना भी इन्होंने बताया। इस तरह से फर्जी पदों के रौब दिखाते हुए यह दोनों सोमनाथ मंदिर में दर्शन के लिए वीआईपी ट्रीटमेंट हासिल करने की कोशिश के दौरान पकड़े गए। गिर-सोमनाथ के एडिशनल एसपी ओमप्रकाश जाट ने बताया कि द्वारिका पुलिस से उन्हें सूचना मिली थी कि व्हीआईपी ट्रीटमेंट हासिल करने के लिए रूम बुक करने वाले दो लोग संदेहास्पद प्रतीत हो रहे हैं। सूचना पर इन दोनों की तस्दीक कराई गई तो सारा फर्जीवाड़ा सामने आया और यह कोरबा के प्रशिक्षु अधिवक्ता निकले। 26 दिसम्बर को गुजरात पुलिस ने इनके विरुद्ध धारा 170, 419, 114 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जेल दाखिल कराने की कार्यवाही की।