नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत व 13 अन्य की जान लेने वाले हेलिकॉप्टर हादसे की ट्राई सर्विस इन्क्वायरी लगभग पूरी हो गई है। तमिलनाडु के कुन्नूर के पास 8 दिसंबर हुए हादसे की मुख्य वजहों में ‘कुहासे भरे मौसम’ को भी एक वजह बताया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसी वजह से एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर के पायलट्स भ्रमित हो गए। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुवाई में हुई इन्क्वायरी में किसी तरह की संस्थागत खामी या तकनीकी गड़बड़ी को रूलआउट कर दिया गया। एमआई-17 वी5 चॉपर ने जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, सैन्य सलाहकार ब्रिगेडियर एलएच लिड्डर और अन्य को लेकर सुलूर एयरबेस से उड़ान भरी थी।
वेलिंग्टन हेलिपैड पर लैंडिंग से 7 मिनट पहले यह चॉपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एक सूत्र ने बताया कि अगले हफ्ते औपचारिक रूप से इंक्वायरी रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। उससे पहले, दो-तीन बातों को फिर से चेक किया जा रहा है।
तकनीकी भाषा में, जब पायलट भटक कर ‘मौके की समझ खो देता है’ और हेलिकॉप्टर के पूरे कंट्रोल में होने के बावजूद अनजाने में जमीन, पहाड़, पेड़, पानी या किसी अन्य चीज से टकरा जाता है, तो इस तरह के हादसे को ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन (सी-एफआईटी) कहते हैं। एक अधिकारी के अनुसार एक सी-एफआईटी क्रैश आमतौर पर खराब मौसम में या फ्लाइट के लैंडिंग फेज में होता है, जब पायलट अपने हेलिकॉप्टर/एयरक्राफ्ट को रिकवर न कर सके।जनरल बिपिन रावत वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज में विजिट पर जा रहे थे। यह नीलगिरी हिल्स पर है। सीडीएस को वहां स्टाफ कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स ऑफिसर्स और फैकल्टी को संबोधित करना था। वह एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर में थे। यह हेलिकॉप्टर एमआई-17 का लेटेस्ट वर्जन है और वीआईपी हेलिकॉप्टर है। हर वीआईपी और वीवीआईपी ड्यूटी में यह हेलिकॉप्टर ही इस्तेमाल होता है। इसे सबसे सेफ हेलिकॉप्टर माना जाता है। इंडियन एयरफोर्स के पास इस तरह के 131 हेलिकॉप्टर हैं।
पिछले 5 सालों में 15 हादसे
पिछले 5 सालों में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के 15 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुए हैं। इस साल अगस्त से अब तक इंडियन एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग हुई है। कुल 15 एक्सिडेंट में तीन एक्सिडेंट में एमआई-17वी5 हेलिकॉप्टर शामिल थे। इनमें 8 दिसंबर को हुआ भयानक हादसा भी शामिल है। पिछले पांच सालों में 7 आर्मी, 7 एयरफोर्स और एक नेवी के हेलिकॉप्टर का एक्सिडेंट हो चुका है।