परिवहन विभाग का कमाल ,बिना परमिट के चल रहीं बिहार की बसें ,दो पर हुई कार्रवाई ,एक लाख की लगाई पेनाल्टी

कोरबा। परिवहन विभाग ने लगातार दूसरे दिन कार्रवाई करते हुए एक बस पर एक लाख रूपए की पेनाल्टी की। इससे पहले एक बस पर 66 हजार की पेनाल्टी गई थी। दोनों बसें बिहार के लिए चल रही थी। बताया गया कि अगले कुछ दिनों में इस तरह की और भी कार्रवाई होगी।

नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत को परिवहन विभाग के पास पेनाल्टी के रूप में अच्छी रकम आई । उसे पता चला था कि कई बसें अवैध तरीके से लेकिन भरपुर सेटिंग के साथ चल रही हैं। छत्तीसगढ़ से बिहार के बीच में इतनी अच्छी सांठगांठ बनी हुई है कि कुछ होता ही नहीं है। सूचना पर संज्ञान लेने के साथ परिवहन विभाग के उडऩ दस्ता ने आज का दिन कार्रवाई के लिए चुना। इस कड़ी में कोरबा से पटना के बीच चलने वाली बस को पकड़ा गया। बिहार से यहां आने के दौरान यह कार्रवाई की गई। जांच के दौरान बस आपरेटर परमिट नहीं दिखा सका। माना गया कि परमिट शर्तों का उल्लंघन इस मामले में किया गया। खबर के अनुसार 52 सीटर यात्री बस पर परिवहन विभाग ने 1लाख रूपए का जुर्माना लगाया है। 24 घंटे पहले एक ट्रैवल्स की यात्री बस पर भी ऐसी कार्रवाई की गई थी और उस पर 66 हजार की पेनाल्टी की गई थी। परिवहन विभाग की हालिया कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है।

तीन राज्यों में निगरानी शून्य

मौजूदा कार्रवाई से कई सवाल खड़े हुए हैं। कोरबा से बिहार के बीच चलने वाली यात्री बसों को छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार की सीमा पार करनी होती है तब कहीं जाकर ये अपने गंतव्य को पहुंचती है। सभी राज्यों ने अपनी सीमाओं पर चेकपोस्ट बना रखें है। वहां पर आरटीओ के साथ-साथ पुलिस की भी ड्यूटी है। लगातार इन क्षेत्रों में वाहनों की जांच होती है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि बिना परमिट वाले ऐसे कितने वाहनों को चेकपोस्ट से यूं ही चलने दिया जा रहा है। जानकार बताते है कि मोटी सांठगांठ के बिना यह काम बिल्कुल संभव नहीं है। ऐसे कार्यों में परिवहन के साथ-साथ प्रशासन और पुलिस के साथ काफी अच्छे रिश्ते बनाए गए हैं।

जंगलराज का बढ़ता दायरा

इससे पहले यही धारणा थी कि हर काम के मामले में बिहार में जंगलराज बना हुआ है। समय के साथ इस मिथक को तोडऩे का काम हुआ अथवा इसे बढ़ाया गया। जिस तरह से छत्तीसगढ़ में परिवहन सेवा के साथ-साथ रेत खनन और डीजल से लेकर कोयला चोरी के मामलों का विस्तार हो रहा है, उससे कहा जा सकता है कि जंगलराज किसी एक हिस्से में सीमित नहीं है। समय के साथ इसकी सीमाएं बढ़ रही हैं और बहुत सारे लोग इसमें लिप्त हो रहे हैं।