मनरेगा में मुर्दे कर रहे मजदूरी ,निर्माण भी नायाब ,महकमे से उठा विश्वास तो पुलिस कप्तान पर जताया भरोसा

कोरबा । जिले में मनरेगा को कई सरपंच, सचिवों और रोजगार सहायकों ने अपने मन का खेल बना रखा है। पिछले दिनों ही कोरबा ब्लाक के ग्राम बरीडीह के धनवारपारा में मनरेगा निर्मित तालाब को राख से पटवा देने का मामला जहां सामने आया वहीं इस मामले में अब कार्यवाही का इंतजार है। मनरेगा को अपने हिसाब से क्रियान्वित कराने वाले लोगों का एक और कारनामा जिले के पाली ब्लाक में सामने आया है।

पाली ब्लाक के ग्राम परसदा में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक ने सांठ-गांठ पूर्वक मनरेगा के मस्टररोल में ऐसे लोगों का नाम बतौर मजदूर चढ़ा दिया जो मृत हो चुके हैं। इन मृतकों से कागजों में ही मजदूरी करवाई गई और कागज में ही निर्माण कराया जाकर इनके नाम से रुपए भी बैंक के जरिए निकलवा लिए गए हैं। इस मामले में ग्रामीणों में पूर्व में शिकायत की तो जांच में आरोप साबित हुआ लेकिन कार्यवाही शून्य है। साबित हुए अपराध में कार्यवाही नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने लंबी दूरी तय कर पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल से मुलाकात की और उन्हें संबंधित लोगों के विरुद्ध अपराध दर्ज करने की मांग संबंधी ज्ञापन सौंपा। एसपी श्री पटेल ने शिकायतकर्ताओं को उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि ऐसे कई प्रकरण हैं जिनमें प्रशासनिक जांच में आपराधिक मामला बनने पर भी पुलिस में एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाती है। अधिकारियों की इसी लेटलतीफी और उदासीनता से परेशान लोगों ने पुलिस कप्तान पर भरोसा जताया है।
बता दें कि कोरबा जिले में पदस्थापना के बाद से ही पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया है। जनता के बीच जाकर जनता के लिए पुलिसिंग करने की उनकी सोच ने बेसिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया है जिसका कई मौकों पर बेहतर प्रतिसाद भी मिला है। आपराधिक मामलों के निराकरण में भी जनता पुलिस की सहयोगी बन रही है।