गजब की सेवा ,3500 साल पुराने इस मंदिर में ‘पार्वती’ को था मोतियाबिंद ,ईलाज के लिए थाईलैंड से आए स्पेशल डॉक्टर ….

तमिलनाडु । मदुरै के मीनाक्षी अम्मन मंदिर की हथिनी पार्वती लंबे समय से मोतियाबिंद से पीड़ित चल रही थी। हथिनी पार्वती के मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए थाईलैंड से पशु चिकित्सक की विशेष टीम तमिलनाडु के मदुरै के मीनाक्षी अम्मन मंदिर पहुंची है।

यह जुलाई, 2021 की बात है, जब पार्वती की एक आंख में मोतियाबिंद की जानकारी सामने आने पर लोकप्रिय मदुरै मीनाक्षी अम्मन मंदिर में विशेष व्यव्स्था की गई, उसके लिए फर्श पर मिट्टी बिछाई गई थी, ताकि उसे कोई तकलीफ न हो।बता दे कि इस मंदिर में हाथी-हथिनी को भगवान समान पूजा जाता है, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसका इलाज करने थाईलैंड के जाने-माने पशु चिकित्सक (veterinary doctor) निक्रोन थोंगी (Nikron Thongi) के नेतृत्व में एक 7 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम मंदिर पहुंची।मदुरै शहर के मध्य में करीब 14 एकड़ में फैले अम्मन मंदिर तमिलनाडु के सबसे पुराने तथा सबसे सुन्दर मंदिरों में गिना जाता है, मंदिर का गर्भगृह लगभग 3500 साल पुराना बताया जाता है। यह मंदिर भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। मान्यता है कि शिवजी सुंदरेश्वर के रूप में देवी पार्वती (मीनाक्षी) से विवाह करने के लिए पृथ्वी पर यहीं पहुंचे थे।