जनपद पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष की छिनी ताज , अविश्वास प्रस्ताव के मतदान में 2 मतों से गंवाई कुर्सी ,पखवाड़े भर से जनपद बना था राजनीतिक अखाड़ा,नए उपाध्यक्ष के लिए सामने आएंगे दावेदार

कोरबा । जनपद पंचायत कोरबा की उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या वैष्णव के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी सँयुक्त कलेक्टर सेवा राम दीवान की अध्यक्षता में आयोजित विशेष सम्मिलन में मतदान के दौरान जनपद उपाध्यक्ष के पक्ष में दो तिहाई मत से अधिक मतों की जरूरत थी। 24 में से 18 सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मत पड़ते ही जादुई आंकड़ा प्राप्त करते ही जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव अपनी कुर्सी खो चुकीं।

यहाँ बताना होगा कि जनपद पंचायत कोरबा की उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव के विरुद्ध गम्भीर आरोपों के साथ 24 में से 23 जनपद सदस्यों ने 29 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाते हुए कलेक्टर के समक्ष ज्ञापन सौंपा था।कलेक्टर संजीव झा ने जनपद पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या बाई वैष्णव के विरूद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के सम्मिलन की अध्यक्षता के लिए सँयुक्त कलेक्टर सेवा राम दीवान को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था। अविश्वास प्रस्ताव का सम्मिलन 9 फरवरी को प्रातः 11 बजे कार्यालय जनपद पंचायत कोरबा के सभा कक्ष में निर्धारित समयावधि में शुरू हुआ। प्रावधानों के तहत अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के लिए कुल वैद्य मतों में से दो तिहाई मत से अधिक आवश्यक था। जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव को जनपद उपाध्यक्ष पद से पदच्यूत करने 24 वैद्य मतों में से 17 मतों की जरूरत थी। वहीं जनपद उपाध्यक्ष को अपनी ताज बचाने सिर्फ 8 जनपद सदस्यों के साथ व मतों की आवश्यकता थी। सभी 24 निर्वाचित सदस्यों ने मतदान किया। लेकिन परिणाम आते ही जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव अपनी कुर्सी खो चुकीं। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 18 मत पड़े तो वहीं विपक्ष में 6 मत पड़े। अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के लिए 8 सदस्यों का साथ जरूरी था। उपाध्यक्ष को 6 सदस्यों का ही साथ व मत मिला। 2 मतों से वो अपनी उपाध्यक्ष की ताज गंवा बैठीं। एक खेमे में हर्ष का माहौल रहा तो वहीं दूसरे खेमे में मायूसी छाई रही।

2 साल का बचा है कार्यकाल ,नए उपाध्यक्ष के चेहरे की होगी तलाश ,बनेगी सहमति या होगा मतदान

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत फरवरी -मार्च 2025 में पँचायत चुनाव होगा। लिहाजा अभी तकरीबन दो साल का कार्यकाल शेष बचा है।इस शेष समयावधि के लिए जनपद उपाध्यक्ष चुनना होगा। इसके लिए उपाध्यक्ष के विरुद्ध खड़े खेमे के 18 सदस्यों के बीच किसी विशेष चेहरे को लेकर सहमति बनती है या फिर सदस्यों के बीच मतदान की स्थिति निर्मित होगी यह निकट समय में पता चल जाएगा।पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होता ,लेकिन पार्टी विशेष का समर्थन पर्दे के पीछे प्रत्याशियों के हार जीत से लेकर उनके पदों को तय करने में महती भूमिका निर्वहन करती है। लिहाजा उम्मीद जताई जा रही है कांग्रेस समर्थित जनपद सदस्यों में से किसी एक को ही जनपद उपाध्यक्ष की ताज पहनाई जाएगी।