बिलासपुर। जिले में होलिका दहन की रात एक राइस मिल में भीषण आग लग गई। देर रात आंधी-बारिश के बीच शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई गई है। इस हादसे में मिल में रखे भूसे, धान और बोरियां जलकर खाक हो गए। करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद छह फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग को काबू में किया। घटना रतनपुर थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के अनुसार रानीगांव में अग्रवाल राइस मिल है। रतनपुर निवासी सुभाष अग्रवाल इसका संचालन करते हैं। मंगलवार की रात होलिका दहन पर राइस मिल के ज्यादातर कर्मचारी काम बंद कर अपने-अपने घर चले गए थे। देर रात करीब 2 बजे आंधी के साथ बारिश होने लगी। तभी शार्ट सर्किट से चिंगारी उठने लगी जो राइस मिल में रखे भूसे तक पहुंच गया और देखते ही देखते आग ने भीषण रूप ले लिया।
दूर तक उठने लगी आग की लपटें
राइस मिल में जब आग लगी, तब धुओं के गुबार के साथ आग की लपटें आसमान की ओर उठने लगी, जिसे देखकर आसपास के लोगों की भीड़ जुटने लगी। उन्होंने आग बुझाने में मदद भी की। जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
देर से पहुंची पुलिस, इसलिए जल्दी नहीं बुझाई जा सकी आग
बताया जा रहा है कि राइस मिल में आग लगने की जानकारी पुलिस को तत्काल दे दी गई थी। इसके बाद भी पुलिस देर से मौके पर पहुंची। राइस मिल के कर्मचारियों ने पुलिस कंट्रोल रूम को भी सूचना दी। लेकिन, दमकल पहुंचने में करीब एक घंटे लग गए। जब तक फायर ब्रिगेड वहां पहुंची, तब तक आग काफी फैल चुकी थी।
दहशत में आए कर्मचारियों में मची अफरातफरी
इस हादसे के बाद कर्मचारियों में अफरातफरी मच गई। आग की लपटों को देखकर कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे। दरअसल, भूसों में लगी आग तेजी से भड़क गई थी, जिसके चलते उन्हें आग को काबू में करने का मौका ही नहीं मिला और कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए मिल से बाहर निकल गए।
लाखों का नुकसान होने की आशंका
थाना प्रभारी प्रसाद सिन्हा ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। आग काफी भयावह थी, जिसके चलते बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। रात से लेकर सुबह तक दमकल कर्मी आग को काबू में करने की कोशिश करते रहे। छह फायर ब्रिगेड की मदद से करीब पांच घंटे बाद आग को काबू में किया गया। लाखों रुपए का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।
हो सकता था भीषण हादसा
बताया जा रहा है कि सामान्य दिनों में राइस मिल में रात में भी काम चलता है। लेकिन, होली के चलते कर्मचारी छुट्टी पर थे। इसके चलते रात में गिनती के कर्मचारी थे। जब काम चलता है तब यहां कर्मचारी रात में रहते हैं। यदि सामान्य दिनों में यह घटना होती तो कई कर्मचारियों की जान जा सकती थी। राहत की बात है कि आग से किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।