हसदेव एक्सप्रेस न्यूज सरगुजा । जल जीवन मिशन को पीएचई के अफसरों ने भ्रष्टाचार का मिशन बनाकर रख दिया है । ठेकेदारों के साथ सांठगांठ कर करोड़ों के काम रेवड़ी की तरह बांट दिया गया। नतीजन करोड़ों के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा ,और जेब भरे होने की वजह से अफसरों ने धृतराष्ट्र की तरह आंखे मूंद ली है। हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में जिला मुख्यालय से लगे ग्राम रजपुरी कला तो जिले की सरहदी ग्राम कोल ब्लॉक प्रभावित घाटबर्रा एवं फतेहपुर में तमाम खामियां मिली। रजपुरी में आधे वार्डों में जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई तो घाटबर्रा में ठेकेदार ने निर्माणाधीन ओवरहेड टँकी का कार्य करीब दस दिनों से बंद कर रखा है। योजना निर्धारित मियाद के बाद भी आधी अधूरी है । विभाग की अव्यवस्था लापरवाही से आहत जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण शीघ्र जलापूर्ति नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन का मन बना रहे।
यहां बताना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अनुरूप जल जीवन मिशन लागू करने का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक परिवार में नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना है । इसके लिए केंद्र शासन ने पीएचई विभाग को करोड़ों रुपयों का बजट उपलब्ध करवाया है।जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य को पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है।
7 अगस्त 2021 को रायपुर में हुए समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को आश्वासन दिया था कि राज्य जल जीवन मिशन लागू करने की गति बढ़ाने तथा सितंबर 2023 छत्तीसगढ़ के शेष 39.59 लाख परिवारों को नल के पानी की आपूर्ति करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। जिसके फलस्वरूप केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री शेखावत ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि हर घर जल लक्ष्य हासिल करने में राज्य को पूरा समर्थन दिया जाएगा।यहां बताना होगा कि एकल नवीन ग्राम योजना एवं सोलर आधारित मिनी नलजल योजना के तहत जल जीवन मिशन के लक्ष्य की पूर्ति की जा रही। एकल नवीन ग्राम योजना में मूल ग्राम पंचायत ,ग्राम लाभान्वित होंगी। वहीं सोलर आधारित मिनी नल जल योजना में बसाहटें शामिल है। सोलर ड्यूल पंप से ऐसे सभी बसाहटों में जलापूर्ति की जाएगी ।
लेकिन बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में इस केंद्र प्रवर्तित योजना से तकरीबन 300 करोड़ का बजट आने के बाद भी विभागीय अफसरों एवं ठेकेदारों की जुगलबंदी में यह भष्ट्राचार का मिशन बन गया है।जल जीवन मिशन उनके लिए रेवड़ी बन गया है। ठेकेदार घटिया स्तर की पाइप लाइन का उपयोग गांवों में जलापूर्ति हेतु पानी की लाइन बिछाने के लिए कर रहे हैं। कई गांवों में पीतल की बजाए प्लास्टिक का नोजल लगाए जा रहे हैं। इसी तरह टोंटियां भी घटिया क्वालिटी की हैं। घरों की ओर दिए गए नल कनेक्शनों को भी सीमेंट में गाड़े जाने की बजाय पाइप का टुकड़ा लगाकर औपचारिकताएँ पूरी कर दी गई हैं।
ग्राम रजपुरी कला में शो पीस बने नल
रजपुरी कला में नल से गायब टोटी
हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में जिला मुख्यालय से लगे ग्राम रजपुरी कला तो जिले की सरहदी ग्राम कोल ब्लॉक प्रभावित घाटबर्रा एवं फतेहपुर में तमाम खामियां मिली। रजपुरी में आधे वार्डों में जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई ,कई घरों में घरेलू कनेक्शन तक नहीं दिए गए हैं ।पुरानी योजनाओं की टँकी पाइप लाइन से जोड़े जाने की जन शिकायतें हैं। लोग भरी गर्मी में प्यास बुझाने पानी के लिए आधा किलोमीटर तक का फासला तय कर रहे।
घाटबर्रा में रुका हुआ ओवरहेड पानी टँकी का निर्माण कार्य
तो घाटबर्रा में ठेकेदार ने निर्माणाधीन ओवरहेड टँकी का कार्य करीब दस दिनों से बंद कर रखा है।
फतेहपुर में कनेक्शन का हाल
फतेहपुर में भी जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई। नल की टोंटियां तक गायब है। ये दोनों ग्राम परसा कोल ब्लॉक से प्रभावित ग्राम हैं यहाँ अडानी फाउंडेशन से भी उन्हें पेयजल की कोई सुविधा नहीं मिल पाई। शासन की योजना निर्धारित मियाद के बाद भी आधी अधूरी है । विभाग की अव्यवस्था लापरवाही से आहत जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण शीघ्र जलापूर्ति नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन का मन बना रहे।प्रकरण में हमने पीएचई के ई ई श्री प्रदीप कुमार खलखो से उनका पक्ष जानने उनके फोन पर संपर्क किया। कार्यालयीन अवधि में भी कॉल रिसीव नहीं करने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका है।उदयपुर ,लखनपुर ,सीतापुर ब्लाक से जल जीवन मिशन के कार्यों में कार्य धीमी प्रगति से किए जाने गुणवत्ता की अनदेखी किए जाने की तमाम शिकायतें आमजन से मिलती रही हैं। शिकायतकर्ताओं के लिखित शिकायतों के अभाव में अभी तक प्रशासनिक कार्रवाई नजर नहीं आई। लेकिन इन ब्लाकों के कार्यों की विशेष तकिनीकी टीम गठित कर प्राक्कलन ,माप पुस्तिका का मिलान कर जांच किए जाने की दरकार है। ताकि योजना की मंशा फलीभूत हो सके। जल जीवन मिशन से इस गर्मी में जलापूर्ति नहीं होने पर न केवल पीएचचई ,जिला प्रशासन सहित शासन को भी विपक्ष सहित आम जनता के तीखे सवालों ,नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।
तो कहीं इस गर्मी में प्यासी न रह जाए जनता
जल जीवन मिशन की परिकल्पना अत्यंत जनहितकारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अनुरूप जल जीवन मिशन लागू करने का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक परिवार में नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना है । इसके लिए केंद्र शासन ने पीएचई विभाग को करोड़ों रुपयों का बजट उपलब्ध करवाया है।जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य को पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि 7 अगस्त 2021 को रायपुर में हुए समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को आश्वासन दिया था कि राज्य जल जीवन मिशन लागू करने की गति बढ़ाने तथा सितंबर 2023 तक जिला कोरबा समेत छत्तीसगढ़ के शेष 39.59 लाख परिवारों को नल के पानी की आपूर्ति करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन में फर्मों की ढिलाई सुस्त कार्यप्रगति की वजह से इस सीजन की गर्मी में जनता की जल जीवन मिशन से प्यास बुझेगी इसके आसार कम ही नजर आ रहे। इसके लिए सभी फर्मों के कार्यों में गुणवत्ता व तेजी लानी होगी।
जानें हितग्राहियों का क्या कहना 👇
कर्ज लेकर प्राइवेट बोर खनन करवाना पड़ा
जब यही करना था तो क्यों लगाए। 6 माह हो से अधिक हो गया काम शुरू हुए एक बूंद पानी नहीं मिला । प्यास बुझाने कर्ज लेकर बोरवेल लगवाना पड़ा। केवल शो पीस बनकर रह गई है यह योजना।
सावित्री,घाटबर्रा
पड़ोसियों के यहाँ से लाती हूँ पानी
6 माह से नल बिना टोंटी के लगाकर चले गए हैं। घरवालों की प्यास बुझाने के लिए पड़ोसियों के यहाँ से पानी लाती हूँ।पानी की विकट समस्या है। अधिकारी सुध लिए ही नहीं। काम भी रुका हुआ है।
सविता ,घाटबर्रा
1 किलोमीटर दूर से लाते हैं पानी,प्रशासन प्रबंधन नहीं ले रही सुध
6 माह से कनेक्शन लगा शो पीस जैसे छोंड़ दिए । घर तक एक बूंद नहीं पहुँचा। बहुत परेशानी हो रही। अधिकारी देखने तक नहीं आते ,काम भी दस दिनों से बंद है। 1 किलोमीटर दूर से पानी ला रहे। अडानी फाउंडेशन से भी पेयजल की कोई सुविधा नहीं मिली।
अमीन साय ,घाटबर्रा
पेयजल की बड़ी संकट से जूझ रहे
बरसात से पहले लगाए आज तक जंग खाते पड़ा है नल कनेक्शन। पानी कब मिलेगा पता नहीं। अधिकारी देखने तक नहीं आए।
प्रबंधन से भी कोई सुविधा नहीं मिली ।
सीता पैकरा ,फतेहपुर
मेरी साग -सब्जी नष्ट हो गई
एक वार्ड में सोलर ड्यूल पंप से जलापूर्ति हो रही। हम लोगों के वार्ड में पानी नहीं पहुंची। मेरी साग सब्जी नष्ट हो गई। पुरानी टँकी को ही शायद मरम्मत कर इस योजना से जोड़ रहे।
सूरज नाथ ,रजपुरी कला
लंबा फासला तय कर लाते हैं पानी
एक दो बार पानी आया था कुछ माह पहले,गर्मी में एक बार भी पानी नहीं आई। गर्मी में लंबा फासला तय कर हैंडपम्प से पानी ला रहे। ऐसी योजना का क्या लाभ ,अधिकारी योजनाओं की स्थिति देखने कभी झांकने तक नहीं आए ।
बांसपति ,रजपुरी कला
कनेक्शन ही नहीं दिए
सर्वे करके ले गए थे। कनेक्शन ही नहीं लगाए हम हैरान हैं कि आखिर किस वजह से हमें योजना का लाभ नहीं दिया गया। जबकि सभी के यहाँ घरेलू कनेक्शन दिया जाना है।
सावित्री पैकरा,रजपुरी कला