वंदे भारत एक्सप्रेस में रोमांच के लिए पत्थरबाजी करते थे नाबालिग बच्चे ,पकड़े जाने के बाद बताया निशाने के लिए लगाते थे शर्त

बिलासपुर। ट्रेनों पर होने वाली पत्थरबाजी इन दिनों रेलवे के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई है। बीते 4 महीनों में तकरीबन 15 घटनाएं हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा पत्थरबाजी हाईस्पीड वंदेभारत ट्रेन पर हो रही है। इस ट्रेन पर पत्थर फेंकने वाले लड़कों ने बताया कि वे रोमांच के लिए ऐसा करते थे और किसका निशाना लगेगा इसकी शर्त भी लगाते थे।

रेलवे के मंडल सुरक्षा आयुक्त संजय गुप्ता ने बताया कि वंदेभारत ट्रेन में पत्थरबाजी की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 4 लोगों को पकड़ा गया है। दो लोगों को भिलाई से पकड़ा गया है। वहीं उरकुरा और सन्यासीपारा से दो लोग पकड़ाए हैं। हैरानी की बात चारों ही पत्थरबाज नाबालिग थे, जिनमें से एक की उम्र 16 साल और बाकी लोगों की उम्र महज 8 से 10 साल थी। इनमें ज्यादातर पटरी के आसपास के इलाकों में रहने वाले ही युवा हैं।

ट्रेनों में पत्थर फेंकने का होता था कॉम्पिटिशन

पकड़े गए नाबालिगों ने बताया कि उनका मकसद किसी को घायल करना नहीं होता था। लेकिन खेल के दौरान उनके बीच ट्रेनों में पत्थर फेंकने का कॉम्पिटिशन हुआ करता था। इसके अलावा वंदे भारत ट्रेन का रंग और बनावट दूसरे ट्रेनों से अलग होने की वजह से भी वे इस ट्रेन पर पत्थर फेंका करते थे। ये लोग मजे के लिए ऐसा करते थे। इनका कहना है कि तेज गति के कारण ट्रेन पर पत्थर लगना आसान नहीं होता, इसलिए उन्होंने इसके लिए यह ट्रेन चुनी। इसके अलावा एक और नाबालिग ने बताया कि उसने नशे में ट्रेन पर पत्थर फेंका है।

आम लोगों के बीच पत्थरबाजी‌ से होने वाले नुकसान,‌सजा और जुर्माने के बारे में बताया जा‌ रहा है।

रेलवे सुरक्षा बल रायपुर मंडल ट्रेनों में पत्थरबाजी, रेलवे ट्रैक के किनारे मवेशी चराने के दौरान होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है। जिसमें दुर्ग, भिलाई, रायपुर, तिल्दा, भाटापारा, मंदिर हसौद जैसे इलाकों में लोगों के बीच जाकर आरपीएफ के जवान ट्रेनों में पत्थरबाजी से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

सबसे ज्यादा उन संवेदनशील इलाकों में नजर रखी जा रही है,जहां पत्थरबाजी की सबसे ज्यादा शिकायतें आती है। इन इलाकों में खेल मैदान और स्कूलों में जाकर बताया जा रहा है कि वंदेभारत सहित सभी सुपरफास्ट, मेल, एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों की स्पीड बहुत ज्यादा रहती है।

स्कूलों में भी जागरूकता के लिए पहुंच रही टीम

जिसके कारण लोगो को संभलने का मौका भी नहीं मिल पाता है। ट्रेनों में पत्थरबाजी करने से यात्रियों को चोट पहुंच सकती है, इस वजह से जान माल और रेल सम्पति को नुकसान पहुंचता है। रेल राष्ट्रीय सम्पति है। ट्रेनों पर पत्थरबाजी करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है। पत्थरबाजी से होने वाले नुकसान सजा के प्रावधान और जुर्माने की भी जानकारी लोगों को दी जा रही है।

पत्थरबाजी रोकने खेल मैदानों में भी युवाओं और बच्चों के बीच जा रही RPF

वंदे भारत में ट्रेन के बाहर भी लगाए गए कैमरे

लगातार पत्थरबाजी की घटनाओं के मद्देनजर अब वंदे भारत ट्रेन के बाहर भी कैमरे लगा दिए गए हैं, ताकि इस हाई स्पीड ट्रेन में पत्थर फेंकने वाले को तुरंत ट्रेस किया जा सके। इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में पटरी के किनारे भी सुरक्षा के लिए जवान भी तैनात किए गए हैं। मंडल सुरक्षा आयुक्त संजय गुप्ता ने बताया कि ट्रैक पर आने वाले मवेशी भी रेलवे के लिए बड़ी चुनौती है। इस वजह से ट्रैक पर मवेशियों के आने की वजह से‌ कई मवेशियों की मौत हो चुकी है।

देश की सबसे तेज ट्रेन

वंदेभारत ट्रेन भारत में सबसे तेज चलनी वाली गाड़ी है। यह ट्रेन सिर्फ 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड पकड़ लेती है। फिलहाल इसे रेलवे 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चला रही है, जिसे 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक ले जाने का प्लान है। यह ट्रेन पूरी तरह से
वातानुकूलित और इसमें ऑटोमेटिक गेट लगे हैं। इस ट्रेन में सिक्योरिटी के लिहाज से सीसीटीवी भी लगाए गए हैं। इस ट्रेन के लगेज रैक में एलईडी डिफ्यूज लाइट्स लगी हैं, जो अक्सर विमानों में लगी होती हैं।