भारत में आने वाले दिनों में दोबारा से यूके की फ्लाइट पर रोक लग सकती है. इसको लेकर आज केंद्र सरकार ने आपातकालीन बैठक बुलाई है. दरअसल, यूके में कोरोना का अत्यधिक संक्रामक स्ट्रेन पाया गया है. इसकी वजह से लंदन और साउथईस्ट इंग्लैंड में क्रिसमस पर भी लॉकडाउन रहेगा.
यूके में पाए गए कोरोना के खतरनाक स्ट्रेन की वजह से ही नीदरलैंड, बेल्जियम, इटली और जर्मनी ने यूके के लिए फ्लाइट सर्विस को फिलहाल बैन कर दिया है. यूके वाले स्ट्रेन का एक मरीज इटली में भी मिल चुका है, जिसने चिताएं बढ़ा दी हैं. जांच में पाया गया है कि नया स्ट्रेन 70 फीसदी ज्यादा खतरनाक है. बता दें कि यूके उन 23 देशों में शामिल है जिनके साथ भारत ने एयर बबल करार किया था.
जिसके बाद फ्लाइट सेवा शुरू हुई थी.
भारत सरकार की मीटिंग
ब्रिटेन में कोरोनावायरस के नए प्रकार (Coronavirus Strain) की पहचान होने के बीच इस पर चर्चा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को संयुक्त निगरानी समूह (JMG) की आपात बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि कोरोनावायरस का नया प्रकार ब्रिटेन में संक्रमण को तेजी से फैलाने के लिए जिम्मेदार है. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ‘ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार के चलते इस पर चर्चा के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता में सोमवार को संयुक्त निगरानी समूह की बैठक होगी. भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि डॉ रॉडरिको एच ऑफ्रिन भी बैठक में शामिल हो सकते हैं जोकि संयुक्त निगरानी समूह (JMG) के सदस्य हैं.’
कितना खतरनाक है वायरस का म्यूटेशन?
बीबीसी के स्पेशल हेल्थ जर्नलिस्ट जेम्स गैलेगर का कहना है कि कोरोनावायरस के नए वेरिएंट को समझने का आसान तरीका है कि उसकी प्रकृति में बदलाव को समझा जाए. उनका कहना है कि वायरस का बदलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. वायरस खुद को इस तरह बदल लेता है कि वो हमें ज्यादा तेजी से संक्रमित कर सके.
दो वजहों से वैज्ञानिक बनाए हुए हैं नजर
गैलेगर कहते हैं कि इस बात के कोई स्पष्ट सबूत नहीं हैं कि दक्षिण-पूर्व ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्ट्रेन ज्यादा गंभीर लक्षण देता है या वैक्सीन उसपर असरदार नहीं होगी. इसके बावजूद वैज्ञानिक दो कारणों से इसपर नजर बनाए हुए हैं. पहला यह कि जिन इलाकों में यह स्ट्रेन पाया गया, वहां तेजी से मामले बढ़े. और दूसरा ये कि आखिर किस तरह वायरस का म्यूटेशन हो रहा है.
जेम्स कहते हैं कि लैब में प्रयोग करने के बाद ही पता चल पाएगा कि क्या ये प्रकार दूसरे तरह के वायरस के प्रकार से ज्यादा संक्रामक है. इतना तो तय है कि वायरस के रूप बदलने के पीछे ज्यादा आसानी से और ज्यादा लोगों तक संक्रमण फैलाना उद्देश्य रहता है. यह भी हो सकता है कि वायरस के इस स्ट्रेन को लोगों को संक्रमित करने का सही मौका मिल गया हो.