पाकिस्तान। पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ केंद्र में पूर्व सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ सरकार नहीं बना सकते हैं।
ऐसी रिपोर्ट आ रही है, नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ, गठबंधन सरकार बनाने की योजनाओं के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। 9 फरवरी को नवाज शरीफ ने अपने छोटे भाई और पूर्व प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ को पीएमएल में अपने ‘विजय भाषण’ के दौरान गठबंधन सरकार बनाने के लिए पीपीपी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट – पाकिस्तान और जमात-उल-इस्लामी (फजल) के साथ बैठकें करने का काम सौंपा था।शहबाज शरीफ ने लाहौर के मॉडल टाउन में पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें भी की थी और उनकी मुलाकात पीपीपी के नेता आसिफ अली जरदारी और पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो के साथ भी हुई थी। जिसके बाद रिपोर्ट आई थी, कि सरकार बनाने पर सहमति बन गई है और पीएमएल-एन ने कहा था, कि शहबाज शरीफ पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे।
लेकिन, अब ऐसी रिपोर्ट आ रही है, कि नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ, दोनों भाई इस राय पर एकमत हैं, कि गठबंधन सरकार का गठन उन्हें नहीं करना चाहिए।
इमरान की पार्टी बनाएगी सरकार?
अब जेयूआई-एफ के अमीर फजल-उर-रहमान ने पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स के साथ एक इंटरव्यू में दावा किया है, कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को पाकिस्तान सेना ने चुनाव में हराया है।
उन्होंने ये भी दावा किया, कि नवाज शरीफ को भी सेना ने आदेश दिया है, कि वो विपक्ष में बैठे। और पीएमएल-एन का भी मानना है, कि उसके पास बहुमत नहीं है, इसीलिए उसे विपक्ष में ही बैठना चाहिए और उसके लिए केन्द्र में सरकार बनाना उचित नहीं है।
वहीं, सीएनएन-न्यूज18 ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है, कि पीएमएल-एन को लगता है, कि पीपीपी के जरदारी के साथ बातचीत करना और पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को संसद में लगातार संभालना आसान नहीं होगा।
सीएनएन-न्यूज18 ने कुछ पाकिस्तानी नेताओं के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि “पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने अदियाला जेल में इमरान खान से मुलाकात की और एक सौदा किया, जिसके बाद इमरान ने उमर अयूब खान को अपनी पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नामित किया।”
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी सरकार या प्रतिष्ठान के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव का मुकाबला करते हुए पीटीआई के नेतृत्व वाले विपक्ष को संभालना आसान नहीं होगा।
पाकिस्तानी नेताओं ने कहा, कि सरकार को लगता है कि पीटीआई कैडरों के दैनिक प्रदर्शन और लगातार मार्च को संभालना मुश्किल होगा।
लिहाजा, ऐसा माना जा रहा है, कि इमरान खान की पार्टी को बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी अपना समर्थन दे सकती है और दोनों मिलकर नई सरकार के गठन का ऐलान कर सकते हैं, ताकि पाकिस्तानी सेना दुनिया को ये संदेश दे सके, कि वो पाकिस्तानी अवाम के फैसले का सम्मान कर रही है, क्योंकि पाकिस्तानी चुनाव को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन के साथ साथ ऑस्ट्रेलिया ने भी गंभीर सवाल उठाए हैं।