दिल्ली। टी20 क्रिकेट को बल्लेबाजों का गेम माना जाता है। बीते कुछ दशकों में जिस तरह की क्रिकेट हुई है कुछ हद तक यह सही भी है, लेकिन अब जवाना बदल गया है। जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाज जब आपकी टीम में हो तो आप गेंदबाजी के दम पर भी मैच पलटने का माद्दा रखते हैं।
टी20 वर्ल्ड कप 2024 में बुमराह ने यही कर दिखाया। उन्होंने बिना शोर मचाए शांति के साथ ऐसी गेंदबाजी की जिससे टीम इंडिया को 11 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी उठाना नसीब हुआ।
पिच बदली पर बुमराह के तेवर नहीं
टी20 वर्ल्ड कप में पिच तो बदली लेकिन जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी और तेवर में जरा भी बदलाव नहीं आया। नासाउ काउंटी से लेकर बारबडोस, हर मैदान पर उनकी गेंद बल्लेबाजों के आस-पास से ऐसे निकली मानों जादूगर मैदान पर अपनी जादूगरी दिखा रहा हो और देखने वालों को कुछ पता नहीं चल पा रहा हो। बुमराह ने पूरे वर्ल्ड कप में 8.26 की औसत 4.17 की बेहतरीन इकोनॉमी से 15 विकेट चटकाए।
आयरलैंड के खिलाफ बुमराह का पहला मुकाबला
बुमराह ने टी20 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में बता दिया कि टीम इंडिया ने पिछले टी20 वर्ल्ड कप में किस गेंदबाज को मिस किया। उन्होंने इस मुकाबले में 3 ओवर में 6 रन देकर दो विकेट चटकाए। नतीजा सामने वाली टीम 96 रन पर ढेर हो गई।
पाकिस्तान के खिलाफ जादूई स्पेल
पाकिस्तान के खिलाफ मैच में जब टीम इंडिया को 119 रन डिफेंड करना था तो आक्रमण की जिम्मेदारी उठाई जसप्रीत बुमराह ने जिन्होंने बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान सहित 3 विकेट चटकाए और टीम इंडिया ने सफलतापूर्वक सबसे कम टोटल डिफेंड कर लिया। उन्होंने इस मुकाबले में 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट चटकाए। इस मुकाबले में उन्होंने केवल खाई।
सुपर-8 में भी चला बुमराह का जादू
सुपर-8 में टी20 वर्ल्ड कप का कारवां वेस्टइंडीज पहुंचा। बल्लेबाजों के लिए सबकुछ बदल गया, अगर कुछ नहीं बदला तो वह थी बुमराह की गेंदबाजी। अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने 4 ओवर में केवल 7 रन दिए और 1 विकेट चटकाया। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में भी उन्होंने 4 ओवर में केवल 13 रन दिए और 2 विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बल्लेबाजों के मुफीद पिच पर उन्होंने 29 रन देकर टीम इंडिया के सबसे बड़े हेडेक ट्रेविस हेड को चलता किया।
सेमीफाइनल में बुमराह
इंग्लैंड के खिलाफ जसप्रीत बुमराह का धमाल जारी रहा और उन्होंने 2.4 ओवर में 12 रन देकर 2 विकेट चटकाए और 10 साल बाद टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया की जगह सुनिश्चित कर दी। फाइनल मुकाबले में जब हेनरिक क्लासेन लगभग साउथ अफ्रीका की जीत सुनिश्चित कर चुके थे तो जसप्रीत बुमराह ने आकर वापसी कराई। उन्होंने 16वें ओवर में 4 और 18वें ओवर में केवल 2 रन देकर मैच का रुख टीम इंडिया की तरफ मोड़ दिया। फाइनल में बुमराह ने 4 ओवर में 18 रन देकर 2 विकेट चटकाए।