हरियाणा । हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले ईडी ने बड़ा एक्शन लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कई फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि ईडी ने दो शहरों की 834 करोड़ की प्रॉपर्टी सीज की है।
विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में ईडी की एंट्री को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। मामला मनी लॉन्ड्रिंग का है। हुड्डा और कुछ फर्मों से जुड़ी संपत्ति कुर्क की गई है। आरोप है कि ये जमीन सस्ते दामों पर हथिया ली गई थी। जांच एजेंसी ने पूर्व सीएम हुड्डा, MGF Developments Limited और EMAAR की संपत्ति को सीज किया है।
बताया जा रहा है कि ये संपत्ति दिल्ली और गुरुग्राम के 20 गांवों में खरीदी गई थी। आरोपों के अनुसार MGF और EMAAR ने पूर्व सीएम हुड्डा, डायरेक्टर DTCP त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर सांठ-गांठ की थी। जिसके बाद सस्ते दामों पर जमीनें खरीदी गईं। जिसकी वजह से सरकार को भी राजस्व का चूना लगा।
बता दें कि लगभग 400 एकड़ से भी ज्यादा संपत्ति को सीज किया गया है। मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) की 501.13 करोड़ की संपत्ति ED ने कुर्क की है। वहीं, मेसर्स एमजीएफ डेवलपमेंट्स लिमिटेड (MGF) की लगभग 332.69 करोड़ की संपत्ति को सीज किया गया है। दोनों फर्मों के खिलाफ ईडी की जांच चल रही है। दोनों के खिलाफ गुरुग्राम के सेक्टर-65 और 66 में आवासीय कॉलोनी के लिए DTCP से लाइसेंस लिए जाने के संदर्भ में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।
14 कंपनियों को बनाया गया है आरोपी
वहीं, CBI की ओर से इस मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, DTCP तत्कालीन निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स फर्म के अलावा 14 अन्य कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मामला 2009 का है। जब हरियाणा सरकार ने नए सेक्टरों के लिए अधिसूचना जाहिर की थी।