कोविड-19 की वैक्सीन आपको कितने लंबे समय तक सुरक्षित रख सकती है, जानिए जवाब

भारत में हर दिन लाखों लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है। ताजा आंकड़े के अनुसार देश में 21 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड की वैक्सीन दी जा चुकी है। भारत ने अभी सीरम इंस्टट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पूतनिक-V वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है।

भारत में एक बड़ी आबादी को अभी वैक्सीन लगाने का काम बाकी है। ऐसे में ये भी सवाल है कि आखिर वैक्सीन से लोगों को कोविड-19 के खिलाफ कितने लंबे समय तक सुरक्षा मिल सकती है। आईए हम आपको बताते हैं।

कोविड वैक्सीन से इम्यूनिटी कब तक रहेगी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टर केथरीन ओब्रायन बताती हैं कि पहली डोज के बाद करीब दो हफ्तों बाद अच्छी इम्यूनिटी तैयार हो पाती है।

वहीं दूसरी डोज के बाद ये इम्यूनिटी बेहद मजबूत हो जाती है।

वहीं वैज्ञानिक बताते हैं कि वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद इससे बनी इम्यूनिटी कितनी देर तक रहेगी, इसे लेकर कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है। डॉक्टर कैथरीन कहती हैं कि हम इस बारे में कुछ भी स्पष्ट तरीके से नहीं कह सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘हम उन लोगों पर नजर रख रहे हैं, जिन्होंने वैक्सीन ले ली है। हम उन पर नजर रख रहे हैं कि वो कब तक सुरक्षित रहते हैं। इसलिए अभी आखिरी नतीजों के लिए हमें और इंतजार करना होगा।’

हालांकि, कुछ चीजें जो अभी ज्ञात हैं, उसमें ये शामिल है कि फाइजर वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद कम से कम 6 महीने तक ये प्रभावी रहता है। ऐसा ही मॉडर्ना वैक्सीन के मामले में भी है।

‘कोविशील्ड से 1 साल तक मिल सकती है इम्यूनिटी’

डॉक्टर कैथरीन के अनुसार हालांकि भारत में कोविशील्ड की जो वैक्सीन दी जा रही है उससे अगले एक साल तक इम्यूनिटी मजबूत रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया, ‘इस समय हम अभी कुछ भी साफ नहीं कह सकते लेकिन ऑक्सफोर्ड की ChAdOx1 तकनीक वाली वैक्सीन एक साल तक इम्यूनिटी बरकरार रख सकती है।’

कोरोना के नए वैलिएंट से घटती है इम्यूनिटी?

कोरोना वायरस के दुनिया भर में नए-नए वैरिएंट मिले हैं। ऐसे में वैज्ञानिक कह रहे हैं वैक्सीन की तीसरी डोज भी लगाई जानी चाहिए। इसे ‘बूस्टर डोज’ कहा जाता है। भारत में कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ने ‘बूस्टर डोज’ का परीक्षण शुरू भी कर चुकी है। ये बूस्टर डोज अभी उन लोगों छह महीने बाद दी जाएगी जिन्होंने पहले और दूसरे डोज के ट्रायल में ये वैक्सीन ली थी। कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल सितंबर और दिसंबर 2020 के बीच किए गए थे।

वहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स में एक शोध के हवाले से छपी रिपोर्ट में कहा गया था कि जो लोग कोविड-19 से उबर चुके हैं और बाद में वैक्सीन की दो डोज भी ले चुके हैं, उन्हें शायद बूस्टर डोज की जरूरत नहीं पड़ेगी।

यहां ये भी बता दें कि वैक्सीन लेने का ये मतलब नहीं है कि आप कोरोना से संक्रमित नहीं होंगे। चूकी कोरोना लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है, ऐसे में सावधान रहने की हमेशा जरूरत है। मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जारी रखना होगा।