अगर आप भी खराब इलेक्ट्रोनिक डिवाइस कबाड़ी को बेचते हैं तो हो जाएं सावधान! हो सकता है बड़ा नुकसान

नई दिल्लीः यदि आप भी अपने खराब इलेक्ट्रिक डिवाइस को आम कूड़ा समझकर उसे कबाड़ी को बेचते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. दरअसल इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप कारोबारी अवैध रूप से चीन भेज रहे हैं. ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में मौजूद आपका डाटा चोरी होने का डर है. अमूमन लोग अपने खराब मोबाइल, लैपटॉप आदि को कूड़े में फेंक देते हैं या फिर कबाड़ी को बेच देते हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार, इन खराब इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में भी आपका डाटा सेव रहता है और कोई भी तकनीक का जानकार वह डाटा चुरा सकता है. बता दें कि हाल ही में गाजियाबाद के लोनी की पुलिस व क्राइम ब्रांच ने मोबाइल टावर्स से मॉडम व नेटवर्क कार्ड चोरी कर चीन भेजने के मामले का खुलासा किया है.

इस मामले में पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कबाड़ियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप अवैध रूप से चीन भेजा जा रहा है.

गंभीर होती E-Waste की समस्या
बता दें कि सूचना क्रांति के चलते दुनियाभर में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उत्पादन और इस्तेमाल हो रहा है. जिसके चलते बड़ी संख्या में E-Waste (इलेक्ट्रॉनिक कचरा) भी तैयार हो रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में हर साल 25-50 मीट्रिक टन ई-वेस्ट पैदा होता है. इतनी बड़ी संख्या में ई-कचरा पैदा होने से पर्यावरण को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है क्योंकि अभी भी दुनिया के कई देशों में ई-कचरा मैनेजमेंट नहीं है. इसके चलते जहां पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं डाटा चोरी का खतरा भी लगातार बना हुआ है.

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बेचते समय रखें इन बातों का ध्यान
सबसे पहली बात इलेक्टॉनिक डिवाइस को कबाड़ी आदि को ना बेचें और ना ही उन्हें आम कचरे की तरह कूड़े में फेंके.
अगर सीपीयू आदि बेच रहे हैं तो उसकी हार्ड डिस्क को तोड़ दें.
कंप्यूटर या लैपटॉप की हार्ड डिस्क, रैम, मदर बोर्ड को निकालकर बेचें.
मोबाइल को फॉरमेट करके या फिर पूरी तरह से तोड़कर बेचें