हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।कोयलांचल क्षेत्र को शहर से सीधे जोड़ने वाली एकमात्र प्रमुख मार्ग सर्वमंगला -ईमलीछापर मार्ग में निर्माणाधीन फोरलेन इन दिनों प्रशासनिक अदूरदर्शिताओं की वहज से जानलेवा बना हुआ है। ठेकेदार द्वारा बेहद मंद गति से काम करने एवं पानी का छिंडकाव नहीं करने की वजह से 5 किलोमीटर मार्ग में धूल के गुब्बार के बीच आवागमन करना पड़ रहा । दिन में हेडलाईट ऑन कर लोगों को आवागमन करना पड़ रहा। वहीं उड़ रही धूल लोगों के फेफड़ों में समाकर उन्हें धीमी मौत के आगोश की तरफ ले जा रही। मार्ग में दम घुटने का खतरा बढ़ गया है।
यहाँ बताना होगा कि 2 दशक पूर्व सर्वमंगला चौक से कुसमुंडा तक एसईसीएल द्वारा पक्की सड़क तैयार की गई थी । टू लेन इस मार्ग का उपयोग एसईसीएल द्वारा अपने खदानों के कोयला परिवहन के लिए सर्वाधिक रूप से किया जा रहा है । 5.5 किलोमीटर लंबी इस सड़क में पिछले 3 साल से यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है । दरअसल कुसमुंडा खदान क्षेत्र गेवरा स्टेशन का फाटक बंद होते ही मालवाहक वाहनों की लंबी कतार लग जाती है । जिसकी वजह से टू लेन मार्ग वन- वे बन जाता है । वन -वे मार्ग में ही अन्य वाहनों का परिचालन जारी रहता है । लिहाजा यात्री बसों से लेकर दोपहिया वाहन चालक आए दिन जाम में फंस जाते हैं । मार्ग के एक किनारे में जहां नहर है ,वहीं दूसरे किनारे पर गढ्ढे व पेंड पौधे हैं । जिसकी वजह से लोग घण्टों तक जाम में फंस जाते हैं । संकरी सड़क व बाजू से रास्ते नहीं होने के कारण जाम खुलने में घण्टों लग जाता है । आए दिन इस तरह के जाम लगने के कारण लोगों कर साथ साथ छात्र छात्राओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । कभी कभी एम्बुलेंस भी जाम में फंस जाते हैं। इस समस्या को देखते हुए जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में कई मर्तबा लोगों ने सड़क पर उतरकर सड़क के लिए प्रदर्शन किया था । इस मार्ग का सर्वाधिक उपयोग एसईसीएल द्वारा किया जा रहा है ।लिहाजा जिला प्रशासन ने एसईसीएल को फोरलेन सड़क बनाने की जिम्मेदारी दी थी । इंडस्ट्रियल सड़क कॉरिडोर सड़क निर्माण योजना के तहत यह कार्य किया जाना था। इसके अलावा कोयलांचल क्षेत्र की दो और सड़कों को संवारने की जिम्मेदारी दी गई थी । सर्वमंगला से तरदा 8 किलोमीटर एवं तरदा से हरदीबाजार 13.2 किलोमीटर सड़क तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी । इसके लिए सर्वमंगला से कुसमुंडा एक फेस में फोरलेन तो दूसरे फेस में सर्वमंगला से तरदा -हरदीबाजार तक 21 .2 किलोमीटर सड़क एक फेस में तैयार की जाएगी । इस तरह 3 सड़कों का 1 फेस में निर्माण करने एसईसीएल ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल एवं कलेक्टर की पहल पर 200 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धता राशि देने की सहमति जताई थी । राशि मिलने के बाद क्रियान्वयन एजेंसी लोक निर्माण विभाग ने सभी सड़कों के लिए अगस्त 2020 में ही संयुक्त टेंडर लगाया था । यह कार्य नागपुर की फर्म एमएमएस को मिला । मार्च 2023 तक सड़क तैयार किया जाना है। लेकिन अब तक महज 30 फीसदी ही काम हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा समय पर फर्म को राशि जारी करने लोक निर्माण विभाग को चेक जारी नहीं करने से जहां फर्म के ठेकेदार ने मजदूरों के साथ पखवाड़े भर तक काम बंद रख लोक निर्माण विभाग के कार्यालय का घेराव कर हंगामा किया था। आखिरकार 10 मई को जिला प्रशासन ने 27 करोड़ का चेक लोक निर्माण विभाग को जारी कर दिया है। विभाग ने फर्म को भुगतान भी कर दिया है । लेकिन इसके करीब एक माह बाद भी कार्य में अपेक्षित गति नहीं आ रही। फर्म द्रुत गति से काम नहीं कर रही। ठेकेदार द्वारा बेहद मंद गति से काम करने एवं पानी का छिंडकाव नहीं करने की वजह से 5 किलोमीटर मार्ग में धूल के गुब्बार के बीच आवागमन करना पड़ रहा । दिन में हेडलाईट ऑन कर लोगों को आवागमन करना पड़ रहा। वहीं उड़ रही धूल लोगों के फेफड़ों में समाकर उन्हें धीमी मौत के आगोश की तरफ ले जा रही। मार्ग में दम घुटने का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन की अनदेखी ठेकेदार की मनमानी से आम जनता तकलीफों के बीच आवागमन कर रही है।
66 करोड़ हो चुका भुगतान ,फिर भी निर्धारित अवधि पर तैयार नहीं हो पाएगा फोरलेन
बरसात में कार्य लगभग ठप्प रहा । बरसात के बाद ही शेष बचे कार्य जीएसबी ,डीएलसी एवं पीक्यूसी करना था। लेकिन यह कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। अभी कांक्रीटयुक्त सड़क तैयार करने में लंबा वक्त लगेगा। अधिकारियों की मानें तो नगर निगम एसईसीएल की पाईप शिफ्टिंग ,वायर शिफ्टिंग,पेड़ों की कटाई एवं अतिक्रमण हटाने में वक्त लगा। निर्माण कार्य समय समय पर बाधित रहने अपेक्षित गति नहीं लाए जाने से करीब डेढ़ से दो माह वर्तमान में ही पिछड़ चुका है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना बढ़ गई है कि तय अनुबंध अवधि मार्च 2023 तक फोरलेन सहित पैकेज की सभी स्वीकृत सड़कें तैयार नहीं पाएंगी। उलेखनीय है 200 करोड़ की लागत से तैयार हो रही पैकेज की सड़कों के लिए प्रथम किश्त में 39 करोड़ एवं द्वितीय किश्त में हाल ही में 27 करोड़ कुल 66 करोड़ की राशि का भुगतान हो चुका है। आगामी वर्ष 2023 चुनावी वर्ष है। अक्टूबर -नवंबर 2023 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है ऐसे में शासन- प्रशासन को कोयलांचल क्षेत्रवासियों की इस प्रमुख समस्या का निदान होने पर जनाक्रोश का सामना करना पड़ सकता है।

